भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की धोखेबाज़ी (Forgery) करते हुए पकड़ा जाता है जिसमें किसी भी प्रकार के नकली दस्तावेज तैयार करके लगाएं जाते हैं और सरकारी नौकरी प्राप्त की जाती है सेक्शन 466, 468, 471 तथा के अंतर्गत आते है। साथ ही साथ सेक्शन 420 भारतीय दंड संहिता का केस भी चलेगा। ऐसे ही एक केस का खुलासा समाज सेवी स्वर्ण दीपक रैणा ने RTI के माध्यम से किया है, पढ़े विस्तार से..
चंबा : (हिमदर्शन समाचार); हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा के 5वीं का फर्जी प्रमाण पत्र देकर मल्टी टास्क वर्कर की नौकरी पाने का मामला सामने आया है। पुलिस थाना सदर चंबा में शिकायत पहुंची तो जांच करने पर वह सही पाई गई। परिणामस्वरूप पुलिस ने विधवा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता धारा 420, 465, 476, 468 व 471 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
समाज सेवी स्वर्ण दीपक रैणा ने इस मामले बारे जानकारी देते हुए बताया कि उनके ध्यान में यह बात लाई गई थी जिसके चलते उन्होंने सूचना का अधिकारी अधिनियम के तहत मामले की सच्चाई जानने का प्रयास किया तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई।
उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत शिक्षा विभाग से राजकीय मिडिल स्कूल बघेर में मल्टी टास्क वर्कर गिलमा देवी पत्नी विधवा टेको निवासी गांव चवड़ी वार्ड हुरेड़ ग्राम पंचायत जटकरी द्वारा नौकरी पाने के लिए राजकीय प्राथमिक स्कूल धरवैटा से पांचवी पास करने बारे जानकारी मांगी गई तो विभाग ने उक्त प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया।
रैणा ने बताया कि राजकीय माध्यमिक स्कूल धरवेटा के मुख्याध्यापक ने लिखित रूप से बताया कि उक्त नाम की छात्रा ने 2003 में उनके स्कूल से पांचवीं कक्षा पास नहीं की और न ही स्कूल ने ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी किया। रैणा ने कहा कि इससे यह साफ होता है कि मल्टी टास्क वर्कर के लिए जो साक्षात्कार प्रक्रिया आयोजित हुई उसमें गिलमा देवी के द्वारा जमा करवाए गए दस्तावेजों की सही तरीके से जांच नहीं की गई।