भारत में भ्रष्टाचार का रोग बढ़ता ही जा रहा है। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार के असुर ने अपने पंजे न गड़ाए हों। भारत नैतिक मूल्यों और आदर्शों का कब्रिस्तान बन गया है। देश की सबसे छोटी इकाई पंचायत से लेकर शीर्ष स्तर के कार्यालयों और क्लर्क से लेकर बड़े अफसर तक अच्छे वेतनमान दिए जातें है, फिर भी बिना घूस के आज आमजन की सरकारी फाइल आगे ही नहीं सरकती। आज के समय में ईमानदारी तो महज कागज का एक टुकड़ा बनकर रह गई है। हर क्षेत्र में जब तक जेब से हरे-हरे नोटों की उष्णता नहीं दिखाई जाए, तब तक हर काम कछुआ चाल से ही चलता है। लेकिन जैसे ही नोटों की गर्मी पैदा होती है, काम में तेजी आने लग जाती है। भ्रष्टाचार की दीमकें ने हमारी सारी व्यवस्था को खोखला कर रही हैं।
चम्बा : हिमाचल प्रदेश के चंबा में विजिलेंस ने नायब तहसीलदार को 8, 000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। नायब तहसीलदार ने भूमि की म्यूटेशन के बदले यह रिश्वत मांगी थी। जानकारी के अनुसार विजिलेंस में भगत सिंह पुत्र स्व. कन्हैया राम निवासी गांव काहलो उपतहसील पुखरी जिला चंबा ने शिकायत की कि उसके भूमि के कार्य को करने में नायब तहसीलदार पुखरी आनाकानी कर रहा है।
इसके बदले रिश्वत मांग रहा है। इस पर विजिलेंस ब्यूरो ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर नायब तहसीलदार को पकड़ने के लिए योजना बनाई। योजना के अनुरूप शिकायतकर्ता अपने काम के बदले उक्त अधिकारी को रिश्वत देने के लिए उसके कार्यालय गया। जहां अधिकारी ने पैसे लेने से मना करते हुए उसे कार्यालय से बाहर पैसे देने को कहा।
कार्यालय से छुट्टी करके जब नायब तहसीलदार करीब 50 मीटर दूरी पर पुखरी-माणी रोड पर पहुंचा तो उसने शिकायतकर्ता को बुलाकर उससे रिश्वत ली। विजिलेंस ने अपनी योजना के अनुसार आरोपी को रिश्वत के पैसे लेते ही रंगे हाथों धर लिया। यह पूरी कार्रवाई विजिलेंस के एएसपी चंबा अभिमन्यु वर्मा की अगुवाई में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। विजिलेंस ने आरोपी के कब्जे से रिश्वत के पैसे भी बरामद किए। आगामी तफ्तीश जारी है।