पांगी वासियों पर हर दिन संकट के बादल, 3 फीट बर्फ के बीच 7 किलोमीटर पैदल चलकर गांव वालों ने बीमार बुजुर्ग महिला को पहुंचाया अस्पताल, पढ़ें पूरी खबर..
पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी वासियों पर हर दिन संकट के बादल छाये हुए है। जहां पांगी घाटी के अधिकतर सड़कें बंद पड़ी हुई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार होने वाले मरीजों को अस्पताल तक काफी परेशान होना पड़ता है। ग्रामीण उस वक्त सरकार को कोसते है। जब सड़क सुविधा होने के बावजूद भी समय पर बाहल नहीं होती है।
ऐसे ही शुक्रवार को जब पांगी के ग्राम पंचातय रेई के कौरई गांव से एक बीमार बुजुर्ग महिला को तीन फीट बर्फ के बीच पीठ पर उठाकर पैदल अस्पताल ले जाने के लिए सड़क तक पहुंचाना पड़ा। ग्रामीण यह कहते भी दिखे कि हमारे चुने हुए नुमाइंदे भी सिर्फ अपनी सुविधाएं ही देखते हैं, आम लोगों की परेशानियां उन्हें दिखाई नहीं देती हैं।
ग्रामीणों की बात भी सही है, जहां आज बर्फबारी के बाद पांगी प्रदेश समेत अन्य जिलों से जुड़ गया है। लेकिन पांगी के गांव को सड़क से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग अभी तक बाहल नहीं हुए है।
मिली जानकारी के अनुसार रेई पंचायत के कौरेई गांव निवासी 60 वर्षीय रेसी देवी जब शुक्रवार सुबह अचानक बीमार हुई तो उसे अस्पताल तक पहुंचाना ग्रामीणों के लिए एक मंजिल बन जाती है। दोपहर बाद ग्रामीणों और परिजनों ने पीठ पर उठाकर रेई से तीन फीट बर्फ में पैदल चलकर सात किलोमीटर दूर रेई जीरों प्वाईट पर पहुंचाया। जहां से निजी गाड़ी से बुजुर्ग महिला को किलाड़ मुख्यालय पहुंचाया गया है। रेई से मुख्यालय किलाड़ 25 किलोमीटर स्थित है।
बता दें कि बर्फबारी के बाद पांगी घाटी के ज्यादातर सड़कें अभी तक बंद पड़ी हुई हैं। शुक्रवार को महिला बीमार हुई तो उसे समय पर उपचार दिलाने के लिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर बारी-बारी पीठ पर उठाकर रेई जीरों प्वाईट पहुंचाया, जहां से उसे किलाड़ पहुंचाया गया। जहां पर डाक्टरों ने हालात को देखते हुए बुजुर्ग महिला का दाखिल कर लिया है और उसका उपचार जारी है।
उधर लोक निमार्ण विभाग के कार्यकारी अधीशासी अभियंता मोहिन्द्र ठाकुर ने बताया कि रेई गांव के सड़क को बाहल करने के लिए विभाग की ओर से ठेकेदार को सूचित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि दो दिनों के भीतर सड़क को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा।