छितकुल गांव को गोद लेगा केन्द्र, केंद्रीय मंत्री और CM सुक्खू चीन बॉर्डर पहुंचे, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का किया रिव्यू, CM ने की छितकुल से मंडी को बस चलाने की घोषणा, पढ़ें पूरी खबर..
किनौर: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने आज किन्नौर जिला के छितकुल में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। दोनों नेताओं ने स्थानीय लोगों और ITBP के जवानों से संवाद किया।
किन्नौर के छितकुल में वाइब्रेंट प्रोग्राम के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह अपनी बात रखते हुए
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम उत्तरी सीमा में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने और शहरों के समान सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है। इस प्रोग्राम के तहत किन्नौर के छितकुल, पूह, नाको, लियो और चांगो गांवों को विकसित किया जाएगा।
आरके सिंह ने कहा कि केंद्रीय पब्लिक सेक्टर के एक उपक्रम (CPSU) छितकुल गांव को गोद लेगा और इसके विकास के लिए राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि छितकुल में एक मेगावाट का विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
छितकुल से मंडी बस सेवा शुरू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने छितकुल से मंडी के लिए बस सेवा आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छितकुल में सामुदायिक हॉल, पार्किंग सहित बस स्टैंड और मिनी स्टेडियम के निर्माण की मांग पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाएगा।
क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का मकसद भारत-चीन सीमा पर बसे गांवों का समग्र विकास करना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4, 800 करोड़ रुपए का खर्च निश्चित किया है। इसके अलावा इन गांवों में सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2, 500 करोड़ रुपए अलग से आवंटित किए गए हैं।
भारत सरकार ने जिन गांवों को चुना है, ये वह गांव हैं जो कि भारत-चीन सीमा पर फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में जाने जाते हैं। खास बात यह है कि गांवों में चल रहे बॉर्डर प्रोग्राम्स से इसका कोई लेना देना नहीं है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम उससे अलग प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट का मुआयना सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधिकारी कर रहे हैं।