शिमला IGMC की निजी लैब की रिपोर्ट संतोष जनक नहीं, अस्पताल प्रबंधन ने लैब के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए NHM को लिखी चिठ्ठी, IGMC में अब दूसरे केंद्रों के सैंपलों की नहीं होगी जांच, पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) की निजी क्रस्ना लैब में अब बाहर के सेंटरों से जांच के लिए सैंपल नहीं आएंगे। अस्पताल की इस लैब में केवल उपचाराधीन मरीजों और ओपीडी में चेकअप करवाने आने वालों के सैंपलों की ही जांच होगी। आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने इसकी पुष्टि की है।
आईजीएमसी में रोजाना हजारों की तादाद में मरीज उपचार करवाने के लिए आते हैं। इमरजेंसी और वार्डों में दाखिल मरीजों की प्राथमिक जांच के बाद सैंपल लिए जाते हैं। चार से पांच घंटों में सैंपल की रिपोर्ट देनी होती है लेकिन अस्पताल में दाखिल मरीजों को यह रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती। इस वजह से डॉक्टर भी मरीजों का उपचार शुरू नहीं कर पाते हैं। मरीजों की रिपोर्ट भी सही नहीं आ रही थी।
अस्पताल प्रबंधन ने शिकायत मिलने के बाद अब निजी क्रस्ना लैब को केवल अस्पताल के मरीजों के सैंपल लेकर जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। कहा कि अगर उन्होंने मनमानी की तो कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि वीरवार को शहर और आसपास के किसी भी सेंटर से लिए सैंपल जांच के लिए अस्पताल के इस निजी लैब में नहीं आए हैं। अस्पताल की इस निजी लैब में रोजाना सैकड़ों मरीज सैंपल देने आते हैं। ऐसे में इस कवायद के शुरू करने के बाद मरीजों को राहत मिली है। यह लैब अस्पताल परिसर में खुली है तथा यहां सरकारी दरों पर टेस्ट होते हैं।
संतोषजनक नहीं है लैब की रिपोर्ट
अस्पताल में खुली निजी लैब को लेकर कई बार शिकायतें अस्पताल प्रबंधन को मिल चुकी हैं। यही वजह है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य सचिव एमसुधा देवी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक सुदेश मोक्टा को प्रबंधन ने चिट्ठी लिखी है। इसमें प्रबंधन ने दो टूक कहा है कि इस निजी लैब की रिपोर्ट संतोष जनक नहीं है। ऐसे में इस पर सख्त एक्शन लिया जाए।