महाराष्ट्र में चुनावी घोषणा पत्र आने से ठीक पहले कांग्रेस खुद अपने आप को कई सवालों के कठघरे में खड़ा कर चुकी है। क्या कांग्रेस जितना बजट होता है उससे ज्यादा का वादा करके वोट मांगती है ? क्या कांग्रेस चुनावी राज्यों में जिन वादों को गारंटी बताती है, उनकी खुद की गारंटी नहीं होती ? क्या कांग्रेस ऐसे वादों पर वोट मांगती है, जिन्हें पूरा करना सरल ही नहीं होता ? क्या कांग्रेस की गारंटी अधूरी ही रह जाती है ? सवाल उठे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान की वजह से.. जो उन्होंने कांग्रेस शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच बैठकर दिया। राज्य के बजट के चादर जितना ही वादों का पैर पसारने की बात अब कांग्रेस करती क्यों दिखी ? क्या हिमाचल में अधूरे रह गए वादों का असर हरियाणा चुनाव तक पड़ने की वजह से कांग्रेस के भीतर आत्मचिंतन शुरु हुआ है ?
एक दूसरे के वादों को याद कराती इस सियासत के बीच में जनता खड़ी है। जो पूछती है कि वो वादा क्यों करना, जिसे निभाने में बोझ आम आदमी पर ही आता है..
क्या राजनीति में वादे करते वक्त नेताओं को ये याद कराना जरूरी है कि हर समय वादों को लेकर जनता को भ्रम में नहीं डाला जा सकता...
अब्राह्म लिंकन ने कहा था -
“You can fool all the people some of the time, and some of the people all the time, but you cannot fool all the people all the time"....
क्या राजनीति में वादे करते वक्त नेताओं को ये याद कराना जरूरी है कि हर समय वादों को लेकर जनता को भ्रम में नहीं डाला जा सकता...
कांग्रेस की 10 गारंटियां क्या हिमाचल में होंगी पूरी ? मल्लिकार्जुन खरगे ने आखिर किस बात पर जताई नाराजगी..!! पढ़ें पूरी खबर..
कांग्रेस की 10 गारंटियां क्या हिमाचल में होंगी पूरी ? मल्लिकार्जुन खरगे ने आखिर किस बात पर जताई नाराजगी..!!
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 10 बड़ी गारंटियां दी थी जिनमे अधिकांश गारंटियों को पहली कैबिनेट बैठक में पूरा करने की ढींगे हाँकि गई थी लेकिन अब राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इन 10 वादों को पूरा के लिए पांच सालों की बात की जा रही है। सत्ता में आने से पूर्व महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये सम्मान राशि देने, युवाओं को रोजगार देने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, और 300 यूनिट तक फ्री बिजली का वादा किया गया था, अब तक ये वादे तो पूरा नहीं किए गए, बल्कि जो सुविधाएं लोगों को पहले से मिल रही थी वह भी छीन ली गई है । पहले हिमाचल में 125 यूनिट फ्री बिजली हर बिजली कनेक्शन पर मिल रही थी, उसमें अब आयकर भरने वालों को अब सब्सिडी देना बंद कर दिया गया है। मोबाइल क्लिनिक से हर गांव मुफ्त इलाज की गारंटी भी अभी पूरी नहीं हो पाई है। अब तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे भी इन गारंटियों पर सवाल खड़े कर रहें हैं। पढ़ें विस्तार से...
'खटाखट गारंटी' पर खड़गे ने उठाए सवाल ! कर्नाटक ही नहीं हिमाचल-तेलंगाना में भी अधूरे हैं ये वादे..
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक में अपनी ही पार्टी की सरकार पर बेबाक टिप्पणी करके सबको चौंका दिया है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं के लिए मुफ्त बस योजना की समीक्षा करने के विषय में खरगे ने टिप्पणी की है कि हमें वही वादे करने चाहिए जो पूरे किए जा सकें। उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पार्टी की ओर से दी जा रही गारंटियों पर व्यक्तिगत नाराजगी जाहिर की है। जिस तरह की स्थिति कर्नाटक में देखने को मिल रही है।
कर्नाटक में कांग्रेस महिलाओंं को बसों में मुफ्त बस यात्रा को लेकर "शक्ति गारंटी' की समीक्षा कर रही है। इसके पीछे सरकारी खजाने की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया गया है।
हिमाचल के लिए दी थी 10 गारंटी
मल्लिकार्जुन खरगे की बात हिमाचल प्रदेश पर सही बैठती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने एक नहीं, दो नहीं, पूरी दस गारंटियां दी थी। ये गारंटियां वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश की जनसभाओं में लोगों को विश्वास के साथ दी थी।
सत्ता में आने पर प्रत्येक वर्ष एक लाख रोजगार प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। इसी तरह से दो रुपये मूल्य पर किसानों से गोबर खरीदना, 100 मूल्य पर किसानों से दूध की खरीद करना सहित कई अन्य गारंटियां भी शामिल थी।
प्रदेश में भाजपा को चुनाव में हराने के बाद सत्ता में बैठी कांग्रेस को राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतन-पेंशन समय पर देना मुश्किल हुआ। उससे पहले युवाओं को रोजगार की गारंटी पर भी टालमटोल का रूख अपनाना पड़ा।
23 लाख महिलाओं को 1500 रुपए
प्रदेश की 23 लाख से अधिक महिलाओं को मासिक पंद्रह सौ की धनराशि देने के मामले में हजारों की संख्या में महिलाओं से दस्तावेज एकत्र हो चुके हैं मगर मासिक सम्मान राशि देना संभव नहीं हो पा रहा है।
सरकार को अंतत: सार्वजनिक तौर पर कहना पड़ा कि सभी गारंटियां पांच साल के भीतर चरणबद्ध ढंग से पूरी कर ली जाएंगी। प्रदेश सरकार की ओर से पांच गारंटियां पूरी करने के दावे किए जाते हैं।
हाल ही में पड़ोसी हरियाणा विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाने की गारंटी, कर्मचारियों-पेंशनरों को वेतन-पेंशन का संकट गहराने, टायलेट टैक्स की अधिसूचना जैसे मुद्दों का कांग्रेस को सामना करना पड़ा। प्रदेश में सरकारी तंत्र को चलाने वाला कर्मचारी वर्ग आंदोलन की खुली चेतावनी दे रहा है।
पीएम मोदी ने बोला था हमला
पहले राज्य की जेब देखेंगे, फिर वादे करेंगे। जैसे ही कांग्रेस के भीतर से खुद ये बात आई। प्रधानमंत्री ने लगातार प्रहार करते हए एक सीरीज में पोस्ट डालीं। जिसमें बताया कि कांग्रेस वादे पूरे ना करने को लेकर बेनकाब हो गई है। कांग्रेस जान गई है कि झूठे वादे करना आसान है, सही से लागू कराना कठिन या असंभव। हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस की गारंटी अधूरी पड़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि झूठे वादों की वजह से ही जनता ने कांग्रेस को हरियाणा में खारिज किया। कांग्रेस के लिए चौपट अर्थव्यवस्था और लूट को वोट है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछे सवाल
मोदी ने कांग्रेस के बेनकाब होने की बात लिखी तो अब कांग्रेस अध्यक्ष ने भी प्रधानमंत्री से सवाल पूछा है!! अब मल्लिकार्जुन खड़गे पूछ रहे हैं कि दो करोड़ नौकरी हर साल के वादे का क्या हुआ ? 7 साल साल में सत्तर पेपर लीक का जिम्मेदार कौन है ? खड़गे पूछते हैं कि दलितों के खिलाफ अपराध कैसे बढ़ा ? 2022 तक किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई ? किसानों को MSP की कानूनी गारंटी कब मिलेगी ?
एक दूसरे के वादों को याद कराती इस सियासत के बीच में जनता खड़ी है। जो पूछती है कि वो वादा क्यों करना, जिसे निभाने में बोझ आम आदमी पर ही आता है।
अब्राह्म लिंकन ने कहा था -“You can fool all the people some of the time, and some of the people all the time, but you cannot fool all the people all the time"....क्या राजनीति में वादे करते वक्त नेताओं को ये याद कराना जरूरी है कि हर समय वादों को लेकर जनता को भ्रम में नहीं डाला जा सकता...