बरसात के मौसम में कई बार ऑप्टिकल फाइबर कटने की घटनाएँ सामने आती हैं। नतीजतन मोबाइल नेटवर्क ठप हो जाता है। आम लोग यह सवाल पूछते हैं कि जब हजारों टावर लगे हैं तो फाइबर कटने से नेटवर्क क्यों बंद हो जाता है? आखिर टावर किस काम के हैं?
फाइबर और टावर का फर्क
मोबाइल टावर सिर्फ मोबाइल से सिग्नल लेने और भेजने का काम करता है। यानी यह आपके फोन को "नेटवर्क की झलक" दिखा देता है।लेकिन असली कॉल और इंटरनेट का आदान–प्रदान टावर से होकर ऑप्टिकल फाइबर के जरिए कंपनी के मुख्य नेटवर्क तक जाता है।
फाइबर कटने पर क्या होता है?
अगर फाइबर कट गया तो टावर "अकेला" रह जाता है। वह आपके फोन को तो सिग्नल दिखा देगा, लेकिन बाकी दुनिया से उसका संपर्क टूट जाएगा। इसी वजह से कॉल लगती नहीं, इंटरनेट बंद हो जाता है।
क्या बैकअप होता है?
कुछ बड़े टावरों को बैकअप के तौर पर माइक्रोवेव लिंक या सैटेलाइट कनेक्शन भी दिए जाते हैं, लेकिन यह तकनीक महंगी है और हर जगह उपलब्ध नहीं है। इसलिए ज्यादातर क्षेत्रों में फाइबर कटने का सीधा असर नेटवर्क पर पड़ता है।
टावर और फाइबर दोनों की भूमिका अलग है लेकिन एक–दूसरे पर निर्भर है। टावर केवल सिग्नल फैलाता है, जबकि फाइबर असली नेटवर्क से जोड़ता है। यही कारण है कि फाइबर कटते ही नेटवर्क ठप हो जाता है, चाहे हजारों टावर खड़े क्यों न हों।
डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल आम जनता को तकनीकी जानकारी सरल भाषा में समझाना है। इसमें दी गई जानकारियाँ सामान्य तकनीकी सिद्धांतों पर आधारित हैं। नेटवर्क व्यवस्था अलग-अलग कंपनियों और परिस्थितियों में भिन्न हो सकती है।