शिमला से बनगड़-कुनिहार रात्रि बस यात्रा के दौरान एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बस की हेडलाइट खराब होने पर चालक ने मोबाइल टॉर्च का सहारा लेकर सफर जारी रखा, जिससे यात्रियों को असुरक्षा का सामना करना पड़ा। पनेश और गलोट के बीच बस बीच रास्ते में खराब हो गई और यात्री घने जंगल वाले इलाके में फंस गए। हालांकि स्थानीय लोगों की मदद से स्थिति संभल गई, लेकिन इस घटना ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की व्यवस्थाओं और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पढ़ें विस्तार से -
शिमला: (HD News); हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस सेवा को लेकर एक चिंताजनक मामला सामने आया है। शिमला से बनगड़-कुनिहार जाने वाली रात्रि बस सोमवार देर रात खराब हेडलाइट के बावजूद सड़क पर दौड़ती रही। चालक ने मजबूरी में मोबाइल फोन की टॉर्च का सहारा लेकर बस चलाई, जिससे यात्रियों को असुरक्षित स्थिति का सामना करना पड़ा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पनेश और गलोट के बीच घने जंगल वाले हिस्से में बस बीच रास्ते में ही खराब हो गई। अंधेरे और सुनसान क्षेत्र में फंसे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह हालात संभाले गए, लेकिन इस घटना ने निगम की व्यवस्थाओं और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी गाड़ियों की नियमित तकनीकी जांच बेहद जरूरी है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि बसों के रख-रखाव और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कहीं न कहीं लापरवाही बरती जा रही है। अगर समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं बड़े हादसों का कारण बन सकती हैं।
यात्रियों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निगम अपनी व्यवस्था में सुधार लाए। वहीं, आम जनता का कहना है कि HRTC जैसी सार्वजनिक सेवा से न्यूनतम स्तर पर भी सुरक्षा से समझौता स्वीकार्य नहीं है।
शिमला से बनगड़-कुनिहार रात्रि बस में हुई यह घटना केवल एक तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाली सेवाओं में इस तरह की लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकती। आवश्यक है कि HRTC बसों की नियमित जांच और मरम्मत सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और यात्रियों का विश्वास कायम रहे।
डिस्क्लेमर : यह समाचार प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) या संबंधित विभाग की आधिकारिक प्रतिक्रिया प्राप्त होते ही उसे भी शामिल किया जाएगा। समाचार का उद्देश्य केवल तथ्य प्रस्तुत करना है, किसी संस्था या व्यक्ति को ठेस पहुँचाना नहीं है।