हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के छोटा शिमला क्षेत्र में आज सुबह भीषण आग ने 135 साल पुराने ऐतिहासिक भवन डिम्पल लॉज को राख में तब्दील कर दिया। लकड़ी से बना यह दो मंजिला भवन आग की लपटों में कुछ ही मिनटों में पूरी तरह जल गया। सौभाग्य से भवन खाली था, जिसके चलते किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ। फायर ब्रिगेड की टीमों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने के लिए डेढ़ घंटे तक कड़ी मशक्कत की, लेकिन तब तक पूरी इमारत जल चुकी थी।
शिमला (HD News): हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार सुबह एक दर्दनाक घटना घटी, जब छोटा शिमला क्षेत्र स्थित 135 वर्ष पुराना ऐतिहासिक भवन - डिम्पल लॉज अचानक आग की लपटों में घिर गया। देखते ही देखते यह द्वि-मंजिला लकड़ी का भवन राख के ढेर में तब्दील हो गया।
घटना सुबह करीब 6:30 बजे की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले मंजिल से धुआँ उठता दिखा और कुछ ही पलों में पूरी इमारत आग की चपेट में आ गई। लकड़ी से बने पुराने ढांचे के कारण आग तेजी से फैलती चली गई। आसपास के लोगों ने तुरंत इसकी सूचना अग्निशमन विभाग और जिला प्रशासन को दी।

सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमों ने मौके पर पहुंचकर करीब डेढ़ घंटे तक आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत की, लेकिन तब तक पूरा भवन जलकर राख हो चुका था। फायर ब्रिगेड ने आग को आसपास की इमारतों तक फैलने से जरूर रोका, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
करीब दस कमरों वाले इस भवन में उस समय कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिसके चलते जानी नुकसान से राहत मिली। हालांकि भवन के भीतर रखा सारा सामान, लकड़ी की संरचना और ऐतिहासिक दस्तावेज जैसी वस्तुएँ पूरी तरह नष्ट हो गईं।

मौके पर एडीएम शिमला ज्योति राणा, दमकल अधिकारी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। एडीएम ने बताया कि - “आग पर अब नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन नुकसान बहुत व्यापक है। भवन पूरी तरह जल चुका है। सौभाग्य से कोई जान का नुकसान नहीं हुआ है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, संभवतः शॉर्ट सर्किट या पुरानी वायरिंग से आग लगी हो सकती है।”
डिम्पल लॉज छोटा शिमला के पुराने और प्रसिद्ध भवनों में से एक था। यह भवन ब्रिटिश काल के समय निर्मित बताया जाता है, और इसकी वास्तुकला अंग्रेजी शैली की झलक पेश करती थी। यह जगह कभी प्रशासनिक अधिकारियों और प्रतिष्ठित लोगों के निवास के रूप में जानी जाती थी।

स्थानीय निवासियों ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि शिमला की ऐतिहासिक धरोहर थी। कई लोगों ने प्रशासन से पुरानी इमारतों में फायर सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य करने की मांग भी उठाई है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
फिलहाल प्रशासन ने घटनास्थल को सील कर दिया है और फोरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया है। प्रारंभिक तौर पर आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
राजधानी शिमला में यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि क्या शहर की पुरानी लकड़ी की इमारतें सुरक्षित हैं ?
छोटा शिमला में 135 साल पुराने डिम्पल लॉज में लगी आग ने न केवल एक पुराना भवन बल्कि शिमला की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा भी निगल लिया। सौभाग्य से इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लकड़ी से बने इस ब्रिटिशकालीन ढांचे के जलने से शहर की पुरानी वास्तुकला को बड़ा झटका लगा है। प्रशासन ने आग के कारणों की जांच शुरू कर दी है और फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है। यह घटना एक बार फिर इस सवाल को उठाती है कि - क्या शिमला की पुरानी लकड़ी की इमारतें अग्नि सुरक्षा मानकों पर खरा उतर रही हैं या नहीं? भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए विशेषज्ञों ने शहर के पुराने भवनों में फायर सेफ्टी सिस्टम और नियमित निरीक्षण को अनिवार्य करने की सिफारिश की है।