केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब गैरकानूनी सामग्री को नोटिस मिलने के 36 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा। यह नियम 15 नवंबर से पूरे देश में लागू होंगे। आईटी मंत्रालय के अनुसार यह कदम नागरिकों के अधिकार और राज्य की शक्तियों के बीच संतुलन बनाए रखने, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पढ़ें विस्तार से..
नई दिल्ली : (HD News); केंद्र सरकार ने देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के संचालन और गैरकानूनी सामग्री नियंत्रण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 अधिसूचित किए हैं। इन नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को गैरकानूनी सामग्री को नोटिस मिलने के 36 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा। नियम 15 नवंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगे।
मंत्रालय ने बताया कि यह कदम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों और राज्य की शक्तियों के बीच संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नए नियमों के तहत क्या बदल रहा है
36 घंटे का समय: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस मिलने के बाद अवैध कंटेंट हटाने के लिए केवल 36 घंटे का समय दिया जाएगा।
अधिकृत अधिकारी: अब कंटेंट हटाने का आदेश संयुक्त सचिव या समकक्ष अधिकारी जारी करेंगे। यदि यह पद उपलब्ध नहीं है, तो निदेशक या अन्य अधिकृत अधिकारी आदेश दे सकते हैं।
स्पष्ट जानकारी: हटाए जाने वाले कंटेंट में कानूनी आधार, हटाई जाने वाली सामग्री और URL लिंक का उल्लेख अनिवार्य होगा।
कंटेंट की श्रेणियाँ:
देश की एकता और अखंडता को खतरा देने वाली सामग्री
राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाला कंटेंट
विदेशों के साथ रिश्तों पर असर डालने वाली जानकारी
न्यायालय की अवमानना या मानहानि संबंधी सामग्री
लोक व्यवस्था के प्रतिकूल कंटेंट
नैतिकता और सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ सामग्री
अन्य कानूनी रूप से अवैध जानकारी

संशोधन की आवश्यकता
पूर्व नियमों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अवैध कंटेंट हटाने के लिए केवल ‘वरिष्ठ अधिकारी’ का उल्लेख था, जिससे नियमों के दुरुपयोग और भ्रम की संभावना रहती थी। नए संशोधन में निर्देश जारी करने, जवाबदेही और मासिक समीक्षा जैसे मानक स्पष्ट किए गए हैं। इससे प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई पारदर्शी और जवाबदेह होगी।
आईटी रूल्स-2021 का बदलाव
आईटी नियम, 2021 को 25 फरवरी 2021 को अधिसूचित किया गया था। बाद में इसे 28 अक्टूबर 2022 और 6 अप्रैल 2023 को संशोधित किया गया। नियम 3(1)(डी) के तहत, मध्यस्थों (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म) को न्यायालय के आदेश या सरकार की अधिसूचना मिलने पर गैरकानूनी सामग्री हटाने का दायित्व था। नया संशोधन इस नियम को पूरी तरह बदल देता है और संगठित, स्पष्ट और जवाबदेह कार्रवाई सुनिश्चित करता है।

एआई के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते दुरुपयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि एआई के अनियंत्रित उपयोग को रोकने और नागरिकों की निजता, गरिमा और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कानून बनाए। याचिका में डीपफेक सामग्री के दुरुपयोग और पत्रकारों, सेलिब्रिटीज़ और आम नागरिकों पर संभावित खतरे को भी उजागर किया गया है। यूरोपीय संघ, अमेरिका, चीन और सिंगापुर के उदाहरण देते हुए जोखिम आधारित वर्गीकरण, लेबलिंग और प्रवर्तन प्रणालियों के माध्यम से एआई-जनित सामग्री पर नियंत्रण की मांग की गई है।
आईटी मंत्रालय का बयान
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह संशोधन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पारदर्शिता, जवाबदेही और अनुपातिक कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। साथ ही, डिजिटल स्पेस में गैरकानूनी सामग्री पर नियंत्रण को मजबूत और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।