अक्सर आपने सुना होगा कि प्रमोशन हुआ है या फिर कई बार पैसे देकर प्रमोशन कराने के मामले भी आते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के आगर मालवा में एक नायब तहसीलदार का प्रमोशन की जगह डिमोशन कर दिया गया। डिमोशन के बाद उन्हें एक पटवारी बना दिया गया। कलेक्टर ने नायब तहसीलदार को डिमोट कर दिया। इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। पढ़ें विस्तार से..
आगर: मध्य प्रदेश के आगर मालवा में शासन के एक आदेश से हड़कंप मच गया है। जिले में नायब तहसीलदार का डिमोशन कर पटवारी बना दिया गया है। आगर मालवा के कलेक्टर ने कार्रवाई मध्य प्रदेश शासन के आदेश पर यह कार्रवाई की है। तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप है।
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दरअसल, आगर के नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा का आरोप है। नायब तहसीलदार पर आरोप था कि ग्राम झोंटा बीजानगरी में रहने के दौरान उन्होंने शासन के नियमों के खिलाफ काम करते हुए कई फर्जी आदेश जारी किए थे। बीजानगरी में अरुण चंदवंशी द्वारा एक-एक साल की अवधि के गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए गए थे, जिसकी शिकायत लोकायुक्त विभाग में दर्ज कराई गई थी। जांच के दौरान शिकायत सही पाए जाने पर मध्यप्रदेश राजस्व विभाग भोपाल ने आदेश जारी कर उन्हें नायब तहसीलदार के पद से डिमोट कर पटवारी बना दिया।
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उज्जैन में बतौर पटवारी संभालेंगे कार्य
मध्यप्रदेश राजस्व विभाग भोपाल द्वारा आगर मालवा कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को आदेश भेजा गया था। जिसमें लिखा था कि आगर में पदस्थ नायब तहसीलदार अरुण चंदवंशी को शासन के नियमों के खिलाफ काम करने पर डिमोट किया जा रहा है, उनकी पटवारी के पद पर तैनाती की जाए। जिसके बाद अब वे उज्जैन जिले में बतौर पटवारी सेवाएं देंगे। इस आदेश के बाद आगर कलेक्टर ने अरुण चंदवंशी का उज्जैन ट्रांसफर कर दिया है।
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