"ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग की लत हमारे युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही थी। परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में फँस रहे थे। इसलिए सरकार ने यह कड़ा कानून बनाया है। यह कदम किसी उद्योग को रोकने के लिए नहीं, बल्कि युवाओं को सही दिशा देने और उनकी सुरक्षा के लिए उठाया गया है। भारत डिजिटल विकास का समर्थक है, लेकिन जुए और लत की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। अब कंपनियों को भी जिम्मेदारी से काम करना होगा, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी। हमारा संकल्प है – युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो, और देश आगे बढ़े।" - PM मोदी
नई दिल्ली: (HD News); प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद से पारित हुए ऑनलाइन गेमिंग बिल पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कानून किसी उद्योग को बंद करने के लिए नहीं, बल्कि देश के युवाओं को बचाने के लिए बनाया गया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा – "ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप्स युवाओं को गलत राह पर ले जा रहे थे। परिवार बर्बाद हो रहे थे, आर्थिक नुकसान हो रहा था और मानसिक तनाव बढ़ रहा था। ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि वह युवाओं की रक्षा करे।"

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत डिजिटल विकास का स्वागत करता है, लेकिन डिजिटल लत और जुए को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। यही वजह है कि सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग पर रोक लगाने वाला यह कड़ा कानून लागू किया है।
पीएम मोदी का संदेश
शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि –"हमने यह कानून इसलिए लाया है ताकि युवा सही दिशा में आगे बढ़ें और उनका भविष्य सुरक्षित रहे। कंपनियों को भी अब जिम्मेदारी से काम करना होगा। जो भी प्लेटफॉर्म युवाओं के जीवन और समाज के लिए खतरा हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।"
क्यों ज़रूरी था कानून?
पिछले कुछ वर्षों में देशभर में माता-पिता और समाज के बड़े वर्ग ने शिकायत की थी कि बच्चे और युवा Dream11, MyCircle11 जैसे ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप्स पर लत की तरह समय और पैसा बर्बाद कर रहे हैं।
कई परिवार कर्ज में डूब गए।
छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ा।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ तेजी से बढ़ीं।
असर और अगला कदम
इस कानून के लागू होने के बाद अब न सिर्फ ऐसे ऐप्स पर रोक लगेगी, बल्कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई नया ऐप या प्लेटफॉर्म इस तरह से युवाओं का भविष्य बर्बाद न कर सके। पीएम मोदी का यह बयान देश के युवाओं और अभिभावकों के लिए राहत का संदेश है। यह साफ है कि अब भारत में ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग के नाम पर किसी का भविष्य अंधकार में नहीं धकेला जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान साफ़ करता है कि सरकार अब ऑनलाइन गेमिंग को केवल मनोरंजन के साधन के रूप में नहीं देख रही, बल्कि इसे समाज और खासकर युवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव से जोड़कर गंभीरता से ले रही है। नए कानून का मकसद युवाओं को लत, आर्थिक नुकसान और मानसिक दबाव जैसी समस्याओं से बचाना है। यह संदेश उन कंपनियों के लिए भी कड़ा संकेत है जो बिना सुरक्षा और पारदर्शिता के देश में कारोबार कर रही हैं। आने वाले दिनों में यह कानून भारत में ऑनलाइन गेमिंग के नियम तय करेगा और खिलाड़ियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा।