भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटा पाकिस्तान मंगलवार को खुद आतंकी घटना का शिकार हो गया। देश की राजधानी इस्लामाबाद में एक आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत हो गई। बताया गया है कि बम धमाका इतना तेज था कि जी-11 क्षेत्र के आसपास इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। बताया गया है कि धमाके वाली जगह यहां मौजूद एक कोर्ट के बिल्कुल करीब है। पढ़ें पूरी खबर
HD News: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद मंगलवार को एक भीषण आत्मघाती हमले से दहल उठी। शहर के जी-11 क्षेत्र में हुए इस धमाके में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों के शीशे चकनाचूर हो गए और इलाके में अफरातफरी मच गई।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह धमाका एक कोर्ट परिसर के बेहद करीब हुआ। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि विस्फोट स्थल पर कई वाहन और इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

हमले में 12 की मौत, राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री ने जताया शोक
इस आत्मघाती हमले पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस घटना को “वेक-अप कॉल” बताते हुए कहा कि यह देश के लिए एक बड़ा सबक है। उन्होंने परोक्ष रूप से अफगानिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा हालात में काबुल के शासकों के साथ किसी भी स्थायी समझौते की उम्मीद करना व्यर्थ है।
घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन वीडियोज में जी-11 क्षेत्र से धुएं का घना गुबार उठता हुआ देखा जा सकता है। वहीं, कुछ फुटेज में सुरक्षा बैरियर के पास आग की लपटें भी दिखाई दीं। धमाके के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पाकिस्तान पर एक और आतंकी वार
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में तेज़ी आई है। आतंकवादी संगठन अक्सर देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है।
इस्लामाबाद का यह धमाका एक बार फिर दिखाता है कि पाकिस्तान खुद उस आग में झुलस रहा है, जिसे उसने कभी दूसरों के लिए भड़काया था। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करेगा या फिर निर्दोष नागरिक इसी तरह हिंसा की भेंट चढ़ते रहेंगे।