नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने भयावह रूप ले लिया है। राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसा, आगजनी और झड़पों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। संसद भवन, नेताओं के घरों और पार्टी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को पीटा और उनकी पत्नी को कथित तौर पर जिंदा जला दिया। हालात इतने बिगड़े कि अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से ज्यादा घायल हैं। पढ़ें पूरी खबर..
काठमांडू: नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से जूझ रहा है। राजधानी काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में हिंसक प्रदर्शनों और झड़पों ने हालात को बेहद बिगाड़ दिया है। प्रदर्शनकारियों के दबाव और बेकाबू हिंसा के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने मंज़ूर किया। इसके कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति पौडेल ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा सौंप दिया।

नेताओं के घरों और पार्टी कार्यालयों पर हमला
गुस्साई भीड़ ने संसद भवन में आग लगा दी और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृहमंत्री के आवासों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। कई हाई प्रोफ़ाइल राजनेताओं के घरों को निशाना बनाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा गया, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को राजधानी में उनके आवास के पास दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी को वित्त मंत्री के सीने पर लात मारते हुए देखा जा सकता है।
इसी बीच भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों में भी आगजनी की। राजनीतिक दलों के मुख्यालयों को भी प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया।
प्रदर्शनकारियों की हिंसा सिर्फ हमलों और आगजनी तक सीमित नहीं रही। भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के आवास पर हमला कर उनकी पत्नी को जिंदा जला दिया। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है और विरोध प्रदर्शनों को और भयावह बना दिया है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत
स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और बढ़ गया। झड़पों और हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
मंत्रियों ने भी छोड़ा पद
सरकार के भीतर भी संकट गहराता दिख रहा है। जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग का विरोध करते हुए इस्तीफ़ा दिया। उनके बाद कृषि और पशु मंत्री राम नाथ अधिकारी और गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी इस्तीफ़ा सौंप दिया।
उड़ानों पर रोक
बिगड़ते हालात को देखते हुए काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। इससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने अब पूर्ण राजनीतिक और सामाजिक संकट का रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफ़ों के बाद सरकार पूरी तरह से बिखर चुकी है। मंत्रियों के लगातार इस्तीफ़े, संसद भवन में आगजनी, नेताओं के घरों पर हमले और हवाई सेवाओं के ठप होने से नेपाल में अराजकता की स्थिति और गहराती जा रही है। सवाल यह है कि क्या नेपाल इस संकट से जल्द उबर पाएगा या यह विद्रोह लंबे समय तक अस्थिरता का कारण बनेगा।
🛑 डिस्क्लेमर :
यह खबर नेपाल में जारी हालिया राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स एवं उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। हिंसा, आगजनी और हमलों से संबंधित कई तथ्य सोशल मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से सामने आए हैं, जिनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि होना अभी बाकी है। समाचार की संवेदनशीलता को देखते हुए पाठकों से अपील है कि इसे अफवाह की तरह न फैलाएं और आधिकारिक स्रोतों से जारी अपडेट पर भी ध्यान दें।