हिमाचल प्रदेश में नालागढ़-शिमला वाया कुनिहार मार्ग पर यात्रा कर रहे लोगों को इन दिनों रास्ते की जानकारी लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा लगाए गए दिशा सूचक बोर्डों की हालत, जिन्हें जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया है। ये बोर्ड अब अधूरी जानकारी दे रहे हैं, जिससे अनजान यात्री गंतव्य तक पहुँचने में असमर्थ हो रहे हैं।
नालागढ़/कुनिहार : (HD News): हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा लगाए गए दिशा सूचक बोर्डों की हालत नालागढ़-शिमला मार्ग पर बदतर हो चुकी है। खासकर वाया कुनिहार जाने वाले इस मार्ग पर लगभग 50% से अधिक साइन बोर्डों पर लगे प्रिंटेड लेमिनेटेड दिशा-निर्देशों को जानबूझकर खुरच दिया गया है।
स्थानीय लोगों और राहगीरों के अनुसार, यह किसी शरारती तत्व या पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी की गैर-जिम्मेदार हरकत है, जो न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा से भी खिलवाड़ कर रही है।

यात्रियों को हो रही परेशानी:
रात के समय या पहली बार यात्रा कर रहे लोगों को सही रास्ता पहचानने में दिक्कत हो रही है। ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क की समस्या के चलते सभी यात्रियों के पास स्मार्टफोन या GPS सुविधा उपलब्ध नहीं होती, जिससे वे रास्ता भटक सकते हैं।
प्रशासन से मांग:
स्थानीय जनता ने PWD विभाग और जिला प्रशासन से इस मामले में तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह हरकत IPC धारा 427 और PDPP Act (Public Property Damage Prevention Act) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
तस्वीरें बोल रही हैं:
हिमदर्शन को मिली तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बोर्डों के दिशा-निर्देश हिस्सों को खुरच दिया गया है। इससे राहगीरों को केवल हरे रंग का बोर्ड और कुछ अधूरी दूरी दिख रही है गंतव्य की जानकारी गायब है।
दिशा सूचक बोर्डों को नुकसान पहुंचाना न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसा अपराध है, बल्कि यह आम लोगों की जान और सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में सख्त कदम उठाए और दोषियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही इन बोर्डों की मरम्मत व पुनःस्थापना सुनिश्चित की जाए ताकि राहगीरों को फिर से सही दिशा मिल सके।