हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को आपदा प्रबंधन पर हुई चर्चा पूरे दिन सुर्खियों में रही। पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा और सदन का माहौल कई बार गरमा गया। इसी दौरान कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को सरकार की नाकामी बताना सरासर गलत है। उन्होंने तर्क दिया कि आपदा किसी सरकार की विफलता नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक विकास का परिणाम है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। अवस्थी ने विपक्ष को चेताते हुए कहा कि जब जनता आपदा से जूझ रही है, घर-परिवार उजड़ रहे हैं और लोग राहत व पुनर्वास की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तब विपक्ष का केवल राजनीति चमकाने में व्यस्त रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने दो टूक कहा कि आपदा राहत पर सवाल उठाना आसान है, लेकिन असली चुनौती एकजुट होकर ठोस रणनीति बनाना और भविष्य के लिए सुरक्षित ढांचा खड़ा करना है। पढ़े पूरी खबर..
शिमला: हिमाचल विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी ने विपक्ष पर तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष आपदा जैसी गंभीर स्थिति को भी राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जबकि यह समय जनता के साथ खड़े होने का है। अवस्थी ने साफ कहा - “आपदा न तो किसी मुख्यमंत्री के कारण आती है और न ही किसी सरकार की वजह से। यह जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक विकास का नतीजा है। ऐसे हालात में राजनीति करना जनता के साथ अन्याय है।”

विपक्ष द्वारा राहत वितरण में भेदभाव के आरोपों को पूरी तरह निराधार करार देते हुए अवस्थी ने कहा कि सरकार ने हर प्रभावित परिवार तक मदद पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने दावा किया कि मुआवजा वितरण में कहीं कोई पक्षपात नहीं हुआ है। “यह कहना कि सरकार राहत बांटने में भेदभाव कर रही है, विपक्ष का सिर्फ एक बेबुनियाद आरोप है, ” अवस्थी ने दो टूक कहा।
अवस्थी ने जोर देकर कहा कि आपदा को राजनीति से जोड़ने के बजाय इससे निपटने के लिए ठोस और दीर्घकालिक रणनीति बनानी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य को आपदा प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक निर्माण मानदंड, मजबूत आधारभूत ढांचा और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना होगा। उनके शब्दों में - “आपदा राजनीति का मंच नहीं है, बल्कि यह एकजुट होकर भविष्य की सुरक्षा तय करने का अवसर है।”
गौरतलब है कि हिमाचल की जनता आपदा से जूझ रही है। ऐसे समय में नेताओं का फर्ज़ राजनीति चमकाना नहीं, बल्कि प्रदेश को बचाने की ठोस योजना बनाना है। संजय अवस्थी का संदेश भी स्पष्ट है - आपदा पर बहस नहीं, बल्कि रणनीति चाहिए। अब समय आ गया है कि सत्ता और विपक्ष दोनों मिलकर प्रदेश के हित में एकजुट हों, क्योंकि जब जनता संकट में हो तो राजनीति नहीं, जिम्मेदारी ही असली धर्म है।
बता दें कि इस मानसून सत्र में पक्ष और विपक्ष को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय एकजुट होकर आपदा प्रबंधन पर गंभीर मंथन करना चाहिए था। मौजूदा प्राकृतिक संकट से लोगों को उबारने और भविष्य के लिए ठोस रणनीति बनाने हेतु सकारात्मक सुझाव देना ही जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है।