हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) को अकेले ₹2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि प्रदेश भर में 1250 सड़कें अभी भी बंद हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने साफ कहा है कि अवैध डंपिंग और लापरवाह निर्माण पर अब किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। पढ़ें विस्तार से
शिमला: भारी बारिश और आपदा ने हिमाचल प्रदेश को गहरे संकट में डाल दिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) को इस आपदा से करीब ₹2500 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। प्रदेश की 1250 सड़कें अब भी बंद पड़ी हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बहाली कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और बंद पड़ी सड़कों को खोलने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि हर बार आपदा के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग और लिंक रोड बाधित हो जाते हैं। इस बार भी क्लवर्ट और पुल बंद होने से नुकसान कई गुना बढ़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में सड़क निर्माण कार्यों में यदि अधिकारियों ने लापरवाही बरती या वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि नदी-नालों में डंपिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि अवैध डंपिंग रोकने के लिए ENC और पीडब्ल्यूडी सचिव को सख्त निर्देश दिए गए हैं। ढली से रामपुर तक प्रस्तावित फोरलेन के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि डीपीआर में पहाड़ों और पेड़ों की कटाई की जगह अधिक से अधिक टनल निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
मंत्री ने देवस्थलों पर हो रही छेड़छाड़ को गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि है और यहां विकास के नाम पर मंदिरों व तीर्थस्थलों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। हजारों टन कचरा इन स्थलों से निकल रहा है, जिससे उनकी पवित्रता भंग हो रही है। इस विषय पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर देवस्थलों पर आने-जाने की सीमा तय करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विकास होना तय है, लेकिन यह निर्णय लेना होगा कि प्रदेश को वास्तविक विकास देना है या विनाशकारी विकास। आपदा से हुए नुकसान पर मंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को जहां ₹2500 करोड़ का नुकसान हुआ है, वहीं विभाग को अब तक केवल ₹1499 करोड़ की मदद मिली है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की शिमला रिज पर लगी प्रतिमा के अनावरण को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कार्यक्रम की तारीख पहले तय थी, लेकिन आपदा की इस घड़ी में जनता की भावनाओं को देखते हुए इसे फिलहाल टाल दिया गया है। अब अनावरण अक्टूबर माह में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित हिमाचल दौरे पर मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी जी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं, ऐसे में केंद्र को प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर तय मापदंडों के अनुसार सहयोग देना चाहिए।
हिमाचल की यह आपदा केवल प्राकृतिक त्रासदी नहीं, बल्कि विकास की दिशा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। अवैध डंपिंग और अव्यवस्थित निर्माण ने नुकसान को कई गुना बढ़ा दिया है। अब सरकार और विभागों को तय करना होगा कि प्रदेश को वास्तविक विकास की ओर ले जाना है या विनाशकारी विकास की राह पर धकेलना है।