शिमला: (HD News); बहुचर्चित युग हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा पलटे जाने पर राजधानी शिमला में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को शहर की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उतरे और जोरदार रोष प्रदर्शन किया। भीड़ ने दोषियों को फांसी देने की मांग उठाई और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।

लोअर बाजार में रोष रैली
डीसी ऑफिस से शेर-ए-पंजाब तक निकली इस रैली में युग के परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। युग के माता-पिता ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर अदालत के फैसले पर गहरा असंतोष जताया। पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि "कानून अब अंधा हो चुका है, इसलिए हमने आंखों पर पट्टी बांधी है।" उन्होंने साफ किया कि यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी और न्याय की आखिरी सांस तक मांग जारी रहेगी।
कोर्ट का फैसला जिसने भड़काया गुस्सा
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए तीनों दोषियों में से तेजिंदर पाल सिंह को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, जबकि चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी। जिला अदालत ने 2018 में तीनों को फांसी की सजा सुनाई थी।

📌 क्या है पूरा मामला?
14 जून 2014: चार वर्षीय युग का अपहरण।
15 जून: परिजनों की शिकायत पर पुलिस जांच शुरू, लेकिन नाकाम रही।
20 अगस्त 2016: CID ने विक्रांत बख्शी को गिरफ्तार किया।
22 अगस्त 2016: भराड़ी टैंक से युग का कंकाल बरामद, अन्य आरोपी तेजिंदर पाल और चंद्र शर्मा गिरफ्तार।
6 सितंबर 2018: जिला अदालत ने तीनों को फांसी की सजा सुनाई।
सितंबर 2025: हाईकोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया और बाकी दो की फांसी की सजा उम्रकैद में बदल दी।

जनता की मांग – “युग के हत्यारों को फांसी”
हाईकोर्ट के फैसले ने युग के परिजनों और स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है। लोअर बाजार में गूंजते नारों से साफ संदेश दिया गया कि जनता न्याय से कम कुछ भी मंजूर नहीं करेगी।