ऊना में रिश्वतखोरी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है, जहां सीजीएसटी इंस्पेक्टर अंशुल धीमान को पचास हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ने रंगेहाथ पकड़ लिया। जांच में उसके क्वार्टर और घर से 1.71 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई, जिससे जीएसटी कार्यालय और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। तीन दिन की रिमांड पर भेजे गए आरोपी से रिमांड में बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है। पढ़ें विस्तार से..

ऊना :(HD News); हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के इंस्पेक्टर अंशुल धीमान को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी इंस्पेक्टर को बुधवार को अदालत में पेश कर विजिलेंस ने तीन दिन के रिमांड पर लिया। इसी बीच विजिलेंस टीम ने ऊना स्थित उसके क्वार्टर और घर पर दबिश दी, जहां अलमारी से 1.71 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई है।

रिश्वत की रकम लेते दबोचा गया था इंस्पेक्टर
विजिलेंस की कार्रवाई मंगलवार को तब हुई जब इंस्पेक्टर शिकायतकर्ता से पचास हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने एक कारोबारी से गलत जीएसटी रिटर्न फाइल करने के मामले को निपटाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। सौदा अंततः सवा लाख रुपये में तय हुआ। शिकायत पर विजिलेंस ने जाल बिछाया और जैसे ही आरोपी ने पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये स्वीकार किए, उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया।

क्वार्टर से कैश, घर में दबिश
विजिलेंस के डीएसपी फिरोज खान की अगुवाई में की गई छापेमारी में आरोपी के क्वार्टर से 1.71 लाख रुपये कैश बरामद किया गया। इसके अलावा उसके घर पर भी तलाशी अभियान चलाया गया और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। बरामद नकदी को विजिलेंस ने कब्जे में ले लिया है।

अधिकारियों में हड़कंप, बड़े खुलासों की उम्मीद
इस कार्रवाई ने जीएसटी कार्यालय के अन्य अधिकारियों में खलबली मचा दी है। माना जा रहा है कि रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हो सकती है। विजिलेंस के एसपी वीरेंद्र कालिया ने नकदी बरामद होने की पुष्टि करते हुए कहा कि पूरे मामले की गहन जांच जारी है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

इस कार्रवाई ने जीएसटी कार्यालय और प्रशासन में खलबली मचा दी है। विजिलेंस ने साफ कर दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। रिमांड में पूछताछ से रिश्वतखोरी के मामलों में और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ संदेश भी सख्त बनेगा।