विश्व विख्यात तीर्थ स्थल श्री नयना देवी जी में आज अश्विन नवरात्रि अपने पूर्ण आहुति और भक्ति भाव के साथ शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुई, जिसमें मंदिर अधिकारी संजीव प्रभाकर ने हवन कुंड में आहुति डालकर नवरात्रियों का समापन किया। पूरे दस दिनों तक श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन और पूजा-अर्चना में अपनी गहरी आस्था और श्रद्धा का परिचय दिया, लेकिन इस बार बिजली-पानी जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं में लगातार खामियों ने स्थानीय लोगों और व्यापारियों की नाराजगी बढ़ा दी, जिससे भक्ति और आस्था के इस पावन अवसर पर लोगों का अनुभव कहीं न कहीं प्रभावित हुआ। पिछले आपदाओं भूस्खलन और बाढ़ के बाद तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं की कम आमद और व्यापारियों की उम्मीदें भी इस बार अधूरी रही, जिससे नवरात्रियों का पवित्र उत्सव सकारात्मक अनुभव के बावजूद व्यवस्थाओं की चुनौतियों के बीच यादगार बना। पढ़ें पूरी खबर..

“मंदिर अधिकारी संजीव प्रभाकर हवन कुंड में पूर्ण आहुति देते हुए, अश्विन नवरात्रियों का समापन करते हुए।” - जय माता दी ...
बिलासपुर/श्री नयना देवी: (HD News): विश्व विख्यात तीर्थ स्थल श्री नयना देवी जी में आज अश्विन नवरात्रि का समापन पूर्ण आहुति और भक्ति भाव के साथ हुआ। मंदिर अधिकारी संजीव प्रभाकर ने हवन कुंड में आहुति डालकर नवरात्रियों का समापन किया। श्रद्धालुओं ने पूरे दस दिनों तक माता के दर्शन और पूजा अर्चना करते हुए अपनी आस्था और श्रद्धा का परिचय दिया। इस बार नवरात्रियों में वातावरण शांतिपूर्ण और भक्ति पूर्ण रहा, लेकिन व्यवस्थाओं में लगातार खामियों ने स्थानीय लोगों और व्यापारियों की नाराजगी बढ़ा दी।

श्रद्धालुओं की कमी और व्यापारियों की मायूसी
इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, जिससे स्थानीय व्यापारी वर्ग काफी निराश नजर आया। पिछले महीनों में हुए भूस्खलन और बाढ़ की वजह से लगभग डेढ़ महीने तक तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं की आमद शून्य रही थी। अब जब आशा थी कि अश्विन नवरात्रियों से व्यापार में उछाल आएगा, वह पूरी नहीं हो पाई। व्यापारी वर्ग का कहना है कि नवरात्रियों के दौरान उनका कारोबार मंदा रहा और उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
बिजली विभाग की अव्यवस्था और कटौती की परेशानी
व्यवस्थाओं के मोर्चे पर भी समस्याएँ लगातार बनी रहीं। पूरे नवरात्रियों के दौरान बिजली विभाग की आपूर्ति अनियमित रही। दिन में कई बार बिजली कटौती हुई, जिससे मंदिर दर्शन, पूजा और स्थानीय लोगों की दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित हुईं। वहीं, जल शक्ति विभाग की लापरवाही और भी गंभीर रही। नवरात्रियों की शुरुआत से ही स्थानीय लोगों को पानी की नियमित आपूर्ति नहीं मिल पाई। पहले नवरात्रि के दिन, जब स्थानीय लोग अपने घरों में पूजा अर्चना कर रहे थे, पानी की कमी ने उनकी तैयारी में बाधा डाली। नवरात्रियों के बीच और विजयदशमी के दिन भी पानी की आपूर्ति बाधित रही, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिली।

जल शक्ति विभाग की लापरवाही और पानी की कमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ने पानी के बिल तो दोगुने कर दिए, लेकिन आपूर्ति सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहा है। पिछले कई महीनों से पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं है, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। लोग लगातार यह चिंता करते रहते हैं कि अगले दिन पानी मिलेगा या नहीं। इस असमय और अव्यवस्थित आपूर्ति ने लोगों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
स्थानीय लोगों की नाराजगी और असंतोष
स्थानीय जनता और श्रद्धालु विभाग की इस लापरवाही से काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि प्रशासन हमेशा व्यवस्थाओं को सुचारू होने का दावा करता है, लेकिन धरातल पर यह दावे अक्सर धराशायी हो जाते हैं। नवरात्रियों के दौरान यह खामियां न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा को प्रभावित करती हैं, बल्कि स्थानीय व्यापार और जीवनयापन पर भी गहरा असर डालती हैं।

कुल मिलाकर, अश्विन नवरात्रि श्री नयना देवी में शांतिपूर्ण और भक्ति पूर्ण रूप से संपन्न हुई। पूरे दस दिन श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन और पूजा-अर्चना में अपनी आस्था और श्रद्धा का परिचय दिया। हालांकि, इस पावन अवसर पर बिजली और पानी जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं में लगातार खामियों ने स्थानीय लोगों और व्यापारियों की नाराजगी और असंतोष को बढ़ा दिया। बिजली कटौती और पानी की अनियमित आपूर्ति ने न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को प्रभावित किया, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजमर्रा की जिंदगी में भी बाधा डाली।
इस नवरात्रि से यह स्पष्ट हुआ कि भक्ति और आस्था के साथ-साथ प्रशासनिक और बुनियादी व्यवस्थाओं में सुधार की सख्त आवश्यकता है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग अब भविष्य में बेहतर और सुनिश्चित व्यवस्थाओं की उम्मीद रखते हैं ताकि आने वाले नवरात्रियों में भक्ति का अनुभव बाधा मुक्त और सकारात्मक हो।
