हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने शिक्षकों के प्रमोशन, डीए किस्त जारी करने, आवास निर्माण और चाइल्ड केयर लीव जैसी मांगों को लेकर आज से 24 घंटे का अनशन शुरू कर दिया। शिक्षकों ने कुलपति कार्यालय के बाहर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और 27 सितंबर को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक का विरोध करने का ऐलान किया। पढ़ें पूरी खबर..

शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने आज से 24 घंटे का अनशन शुरू कर दिया है। दोपहर एक बजे बड़ी संख्या में शिक्षक कुलपति कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की।

संघ ने कहा कि कैरीयर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की प्रमुख मांग है, लेकिन राज्य सरकार की वर्ष 2022 की अधिसूचना के कारण इस पर रोक लगी हुई है। जबकि प्रदेश के अन्य सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रमोशन मिल रहा है, वहीं विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को बीते चार वर्षों से प्रमोशन से वंचित रखा गया है।

अकादमिक हानि और रैंकिंग पर असर
संघ का कहना है कि CAS पर रोक के चलते जहां शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं विश्वविद्यालय की रैंकिंग पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत प्रभाव से अधिसूचना को वापस ले और शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करे।
आवास और अन्य मांगें
संघ ने यह भी उठाया कि विश्वविद्यालय में कुल 256 प्राध्यापक हैं, जबकि उनके लिए मात्र 80 आवास उपलब्ध हैं। साधन मौजूद होने के बावजूद नए भवनों के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा संघ ने कर्मचारियों का लंबित डीए किस्त जारी करने और चाइल्ड केयर लीव की व्यवस्था लागू करने की भी मांग की।

27 सितंबर को विरोध प्रदर्शन
संघ ने चेतावनी दी है कि 27 सितंबर को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक का कड़ा विरोध किया जाएगा। इस दौरान सरकार के प्रतिनिधियों और अन्य नामित सदस्यों को काले झंडे दिखाकर उनका विरोध दर्ज कराया जाएगा।
संघ का आह्वान
संघ ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि शिक्षकों की जायज मांगों को तुरंत पूरा किया जाए, ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो और प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की साख बनी रहे।
