शिमला : (HD News); हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शनिवार को हंगामे का गवाह बना। यूनिवर्सिटी कैंपस में कार्यकारी परिषद (EC) की मीटिंग से पहले छात्र संगठन SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान शिमला शहरी के विधायक और ईसी सदस्य हरीश जनारथा का घेराव किया गया।
हिमाचल यूनिवर्सिटी में बवाल | पुलिस-SFI भिड़ंत, छात्र घायल
बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस और SFI कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हो गई। इस झड़प में SFI का एक कार्यकर्ता घायल हो गया। कैंपस में कुछ समय तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।

क्यों भड़के छात्र संगठन?
दरअसल, हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव शुरू करने की मांग उठाई थी। वहीं, स्थानीय विधायक हरीश जनारथा ने केंद्रीय छात्र संघ चुनाव की बहाली का विरोध किया था। इसी विरोध से नाराज SFI कार्यकर्ताओं ने आज उनका घेराव कर जोरदार नारेबाजी की।

8 सालों से बंद है छात्र संघ चुनाव
प्रदेश में करीब सात से आठ सालों से छात्र संघ चुनाव पर बैन है। इस वजह से छात्र संगठन लगातार चुनाव बहाली की मांग उठा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि लोकतांत्रिक माहौल और उनकी आवाज़ को उठाने का सबसे सशक्त माध्यम छात्र संघ चुनाव ही है, जिसे बहाल किया जाना चाहिए।
टीचरों ने भी जताया विरोध
इसी बीच, यूनिवर्सिटी के कुछ शिक्षकों ने भी कार्यकारी परिषद की बैठक से पहले अपने मुद्दों को लेकर विरोध दर्ज कराया।

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर लगातार बढ़ रहा असंतोष अब टकराव का रूप लेता जा रहा है। EC मीटिंग से पहले SFI का विरोध और पुलिस से भिड़ंत इस बात का संकेत है कि छात्र अब चुनावों की बहाली के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। वहीं, शिक्षकों का विरोध भी इस मसले को और गंभीर बना रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल कर कैंपस में शांति और संतुलन कायम करने की होगी।