हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में आज एक बड़ा मोड़ आया। केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने पूर्व चीफ इंजीनियर देसराज से लगभग तीन घंटे तक गहन पूछताछ की, जिसमें मौत के पीछे के आरोप, कार्यालय के वर्क कल्चर और प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अहम पहलुओं पर सवाल-जवाब किए गए। यह पूछताछ वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, जिससे मामला और भी गंभीर और पारदर्शी हो गया है। परिजनों ने HPPCL के तीन अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं, और अब सबकी निगाहें इस जांच की हर नई कहानी पर टिकी हुई हैं। पढ़ें विस्तार से -

शिमला: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने आज शनिवार को लंबी और गहन पूछताछ की। CBI के बुलावे पर HPPCL के पूर्व चीफ इंजीनियर देसराज सुबह पौने 11 बजे शिमला स्थित CBI कैंप ऑफिस पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, देसराज से लगभग पौने तीन घंटे तक विस्तार से पूछताछ की गई। इस दौरान विमल नेगी की आत्महत्या, कार्यालय में कार्यस्थल का माहौल, परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप और पेखुवाला प्रोजेक्ट से जुड़े सभी पहलुओं पर सवाल-जवाब किए गए। देसराज पहले HPPCL में डायरेक्टर रह चुके हैं, जिससे उनके अनुभव और मामलों की जानकारी पर CBI विशेष ध्यान दे रही है।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
विमल नेगी के परिजनों ने देसराज के अलावा HPPCL के पूर्व एमडी हरिकेष मीणा और डायरेक्टर पर्सनल पर भी आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के आधार पर छोटा शिमला पुलिस थाना में तीनों अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। परिजनों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा की गई मानसिक और पेशेवर प्रताड़ना के कारण ही विमल नेगी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। परिजनों का विरोध और उनकी न्याय की मांग ही इस मामले को अब CBI तक लेकर गई।

CBI ने की वीडियोग्राफी
सूत्रों के अनुसार, CBI ने देसराज से पूछताछ की पूरी प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से दर्ज की। सुप्रीम कोर्ट ने भी CBI को यह आदेश दिया है कि पूछताछ की वीडियोग्राफी की जाए और अगली सुनवाई में इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए। यह कदम केस की पारदर्शिता और सभी दावों की सच्चाई सामने लाने के लिए उठाया गया है।
पुलिस जांच पर उठे थे सवाल
शिमला पुलिस की प्रारंभिक जांच से असंतुष्ट परिजनों की शिकायत पर हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले को CBI को सौंपा। पुलिस जांच पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा और पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा की रिपोर्ट ने भी सवालिया निशान खड़े किए थे। इन रिपोर्टों ने यह संकेत दिया कि स्थानीय जांच पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं रही, इसलिए मामला केंद्रीय एजेंसी को सौंपना जरूरी था।

कर्मचारियों ने स्वीकारा मानसिक प्रताड़ना
CBI ने HPPCL कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए हैं। सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि उन्हें विमल नेगी को मानसिक और पेशेवर रूप से परेशान करने का हिस्सा बने रहने की जानकारी थी। वहीं, HPPCL के पूर्व एमडी एवं IAS हरिकेष मीणा ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले रखी है। उनकी अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को तय की गई है।
मृतक विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव रखने के मामले में CBI ने एएसआई पंकज कुमार को गिरफ्तार किया। हाईकोर्ट ने पंकज को जेल भेज दिया है। यह पंकज की पहली गिरफ्तारी है और इसे केस की जांच में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मामला: रहस्य और विवाद
विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर की गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ। 19 मार्च को एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शिमला में HPPCL कार्यालय के बाहर शप के साथ प्रदर्शन कर गए थे। इसी दिन देसराज, एमडी और डायरेक्टर पर्सनल के खिलाफ छोटा शिमला थाना में FIR दर्ज की गई। यह मामला अब तक सुर्खियों में बना हुआ है और CBI की जांच पूरे मामले के तथ्यों को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
CBI की यह गहन जांच अब मामले की सच्चाई उजागर करने और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक मोड़ साबित हो रही है। देसराज समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप, कर्मचारियों द्वारा स्वीकार की गई मानसिक प्रताड़ना और पंकज कुमार की गिरफ्तारी इस मामले की संवेदनशीलता को और बढ़ा रही है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई वीडियोग्राफी और आगामी सुनवाई अब यह तय करेगी कि क्या HPPCL के उच्च अधिकारियों की भूमिका में कोई गंभीर दोष सामने आता है। परिजनों की न्याय की मांग और CBI की जांच की पारदर्शिता इस मामले को पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनाती जा रही है, और सबकी नजरें अब अगले साक्ष्य और कोर्ट की कार्रवाई पर टिकी हैं।