शिमला में रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी यूनियन ने नगर निगम के खिलाफ हल्ला बोला। शहर के अलग-अलग हिस्सों से आए व्यापारियों ने नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना देकर विरोधस्वरूप अपनी दुकानें सजा दीं। यूनियन का आरोप है कि निगम गैरकानूनी तरीके से व्यापारियों को परेशान कर रहा है और पंजीकरण के लिए आठ दस्तावेजों की मांग स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। पढ़ें पूरी खबर-

शिमला: (HD News); रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी यूनियन ने मंगलवार को शिमला नगर निगम के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। सीटू के बैनर तले शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में दुकानें लगाने वाले व्यापारियों ने नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना देकर विरोधस्वरूप अपनी दुकानें वहीं सजाई।

इस मौके पर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम गैरकानूनी तरीके से तहबाजारियों को परेशान कर रहा है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए आठ तरह के दस्तावेजों की मांग पूरी तरह अनुचित है और यह स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।

मेहरा ने सवाल उठाया, “जब देश की हर योजना और पहचान आधार कार्ड से जुड़ी है, तो अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग केवल लोगों को परेशान करने की नीति है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तहबाजारियों की मांगों को नहीं माना गया, तो यूनियन किसी भी स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बैठने की जगह नहीं दी गई, तो वे निगम कार्यालय के सामने ही रेहड़ी लगाकर अपना हक जताएंगे।

यूनियन का यह प्रदर्शन शहर के तहबाजारियों की समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ नगर निगम पर दबाव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
