Chanakya Niti: नीति शास्त्र के महान ज्ञाता रहे आचार्य चाणक्य ने जीवन की परेशानियों से बचने के लिए चाणक्य नीति में अनेकों नीतियों का उल्लेख किया है। इसमें एक श्लोक के माध्यम से वो बताते हैं कि तीन चीजें हमारे पास हों तो धरती पर ही स्वर्ग के सुख की अनुभूति हो सकती है।
आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में...
हमारे पौराणिक शास्त्रों में भव्य स्वर्ग लोक का वर्णन मिलता है जहां पुण्य आत्माएं कुछ काल के लिए रहती है। स्वर्ग वह जाता है जो पुण्य करने वाला है। वह वहां अपने पुण्यफल समाप्त होने तक रहता है। यहां अनंतकाल तक वही रहता है जिसने मोक्ष प्राप्त कर लिया हो। लेकिन चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ लोगों को धरती में स्वर्ग लोक प्राप्त हो जाता है। इस बात को उन्होंने अपने इस श्लोक में कहा है।
यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी। विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।
जिसका पुत्र आज्ञाकारी होता है -
चाणक्य नीति के अनुसार, जिस व्यक्ति का पुत्र आज्ञाकारी हो उस व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है। उसे मानो धरती पर ही जीते-जी स्वर्गलोक मिल जाता है। आज्ञाकारी पुत्र अपने माता-पिता का मान-सम्मान करता है। समाज में उनका गौरव बढ़ाता है। वहीं जिस मां-बाप का पुत्र कपूत हो तो उनका जीवन नर्क बन जाता है।
जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है -
जिस व्यक्ति की पत्नी उनके इच्छानुरूप कार्य करती है उस व्यक्ति को भी स्वर्गलोक धरती में ही प्राप्त हो जाता है। आज्ञाकारी, पतिव्रता पत्नी अपने पति के ऊपर किसी भी तरह का संकट नहीं आने देती है, फिर चाहें वह काल ही क्यों न हो। वहीं इसके विपरीत यदि पत्नी अपने पति की आज्ञा को नहीं मानती है तो ऐसा घर शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।
जिसे अपने धन पर संतोष है-
मनुष्य को अपनी आर्थिक स्थिति पर कभी भी संतोष नहीं होता है। ऐसे में उसका लालच बढ़ता है। धन कमाने की महत्वाकांक्षा उसके सामने सही गलत के भेद को मिटा देती है। लेकिन जिसे अपने धन पर संतोष हो, जो अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर संतुष्ट हो वह व्यक्ति बहुत ही खु़श होता है। उसे मानो स्वर्गलोक की प्राप्ति धरती में ही हो जाती है।
चाणक्य नीति के बारे में -
मौर्य काल के महान दार्शनिक आचार्य कौटिल्य को चाणक्य के नाम से जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। चाणक्य नीति में उन्होंने अपने सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है। उनके सिद्धांत वास्तविक जीवन के लिए बेहद ही प्रासंगिक हैं। इसलिए आज भी चाणक्य नीति की बातों को अहमियत दी जाती है।