हिंदी ENGLISH E-Paper Download App Contact us Wednesday | August 13, 2025
अर्की-जघून HRTC बस हादसे से बाल-बाल बची, कांगुघाटी के पास सड़क धंसने से हवा में लटकी - सभी 15 यात्री सुरक्षित       अर्की-जघून HRTC बस हादसे से बाल-बाल बची, कांगुघाटी के पास सड़क धंसने से हवा में लटकी — सभी 15 यात्री सुरक्षित, पढ़ें पूरी खबर..       "मॉनसून सत्र में विधानसभा बनेगी अभेद्य किला: ड्रोन निगरानी, 900 जवानों की तैनाती और सख्त पास सिस्टम; कुलदीप पठानिया ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश" - पढ़ें पूरी खबर..       "Big Bank Loan Fraud in Himachal" : PNB में करोड़ों का घोटाला: किसानों के नाम पर लूटा बैंक, पूर्व मैनेजर समेत तीन को जेल, जांच में उजागर हुए चौंकाने वाले तथ्य, पढ़ें पूरी खबर..       "क्राइम पेट्रोल स्टाइल में रचा बीसीएस के 3 छात्रों का अपहरण, स्कूल का पूर्व छात्र बना मास्टरमाइंड, कैलिफ़ोर्निया नंबर से मांगी फिरौती - सनसनीखेज खुलासा" : पढ़ें पूरी खबर..       आज का पंचांग : 12 अगस्त 2025 (मंगलवार); जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..       मंगलवार का राशिफ़ल: 12 अगस्त 2025; आज इन राशि वालों की इच्छाएं होंगी पूरी और मिलेगा श्रीं हनुमान जी का साथ, जानें दैनिक राशिफल..       सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: संवेदनशील इलाकों से सभी आवारा कुत्ते तुरंत हटाएं, नसबंदीशुदा भी सड़क पर नही दिखें, सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर तगड़ा एक्शन, पढ़ें पूरी खबर..       साप्ताहिक राशिफल: 12 अगस्त से 18 अगस्त 2025 : इन राशियों के लिए सौभाग्य, सफलता और खुशियों से भरपूर रहेगा ये सप्ताह, पढ़ें मेष से मीन तक की साप्ताहिक भविष्यवाणी..       "12 अगस्त को विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था पर अहम बैठक, मीडिया प्रतिनिधियों को आमंत्रण"      

पर्यटन

हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी के वो मशहूर दर्शनीय स्थल, जो आपकी यात्रा को बना देंगे यादगार और मजेदार

December 19, 2021 10:35 AM

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का एक ख़ूबसूरत शहर, धर्मशाला , ऊपरी हिमालय की शांत वादियों के बीच बसा हुआ है। यह जगह भारत -तिब्बती संबंधों का भी एक अभिन्न अंग है क्योंकि यह दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का निवास है। धर्मशाला पर्यटकों की एक पसंदीदा जगह है। अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ यहाँ रोमांच और साहस से भरे एडवेंचर स्पोर्ट्स यहाँ आए पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण हैं। अगर आप यहाँ एक दिन की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो शायद इतने सारे विकल्प आपको हैरान ना कर दें, पढ़े विस्तार से..

काँगड़ा : (हिमदर्शन समाचार); धर्मशाला भारत के शान्तिप्रिय राज्य हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी है। धर्मशाला की ऊंचाई लगभग 6, 460 फीट के करीब है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। वर्ष 1960 से, जब से दलाई लामा ने अपना अस्‍थायी मुख्‍यालय यहां बनाया, धर्मशाला की अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति भारत के छोटे ल्‍हासा के रूप में बढ़ गई है।

धर्मशाला में ओक, देवदार, पाइन और इमारती लकड़ी देर यहां उत्‍कृष्‍ट दृश्‍यों के साथ कुछ मनोहारी रास्‍ते हैं। भारत के ब्रिटिश वाइसराय (186) लॉड एल्गिन को धर्मशाला की प्राकृतिक सुंदरता इंग्‍लैंड में स्थित उनके अपने घर स्‍कॉटलैंड के समान लगती थी। हिमालय की हसीन वादियां और प्राकृतिक सुन्दरता, तन-मन को शीतल करने वाली ठण्डी पवन के आकर्षण में पर्यटक बरबस ही यहां खिंचे चले आते हैं। बर्फ से ढकी हुई पहाड़ों की चोटियां आंखों के सामने ऐसा मनमोहक नजारा पेश करती हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।

हिमालय की धौलापार पर्वत श्रृंखला में बसे हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला ऐसा ही पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों के दिलोदिमाग को ताजा कर देता है। एक बार यहां आने वाला व्‍यक्ति ताउम्र यहां के अनुभव नहीं भूला पाता। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज में तिब्बती धर्म, कला और संस्कृति से रूबरू हुआ जा सकता है।

कांगडा़ जिला में देवदार, चीड़ और पाइन के वनों में बसा धर्मशाला एक सुरम्य, शांत और पहाडि़यों से घिरा हुआ है। धर्मशाला में 1959 में बौद्ध गुरू दलाई लामा अपने हजारों अनुयायियों के साथ तिब्बत से आकर बस गए थे। तिब्बत की राजधानी ल्हासा के तर्ज पर ही इस स्थान को मिनी ल्हासा कहा जाता है। वास्तविकता यह है कि तिब्बतियों के यहां आकर बसने के बाद ही देशी-विदेशी पर्यटकों का ध्यान इस शहर की ओर आकर्षित हुआ।

दर्शनीय स्थल-

वैसे तो पूरा शहर प्राकृतिक और दर्शनीय स्थलों से भरा हुआ है। लेकिन फिर भी कुछ स्थान ऐसे है जिनका पर्यटन के लिहाज से काफी महत्व है। प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्नलिखित हैं-

भागसुनाग - भागसुनाग मंदिर उतना ही पुराना है जितना डल झील है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसकी उत्पत्ति दैत्य राजा भागसु और नागों के देवता (नागराज) के बीच एक विशाल लड़ाई से हुई थी। हालांकि इसका कई बार पुनर्निर्माण किया गया है और यह वर्तमान में सफेद टाइलों से ढका हुआ है। इस जगह में कुछ तो ऐसा जरूर है जो अपनी ओर खींचता।

डल झील : पौराणिक कथाओं के अनुसार कैलाश पर्वत के नीचे पवित्र मणिमहेश झील में स्नान करते वक्त एक राजा ने अपनी एक सोने की अंगूठी खो दी थी। उसके बाद अंगूठी डल झील में आ गई। यह जल निकाय उन गरीब व्यक्तियों के लिए मणिमहेश (कैलाश में स्थित झील) मानी जाता थी। जो मोक्ष की प्राप्ति के लिए कैलाश तक स्नान के लिए नहीं जा सकते। हालांकि आज यह एक सूखे तालाब से ज्यादा कुछ नहीं है फिर भी स्थानीय लोगों के लिए यह झील पवित्र है। यह झील यात्रा के लायक है।

दलाई लामा मंदिर - यह बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का खूबसूरत मंदिर है। बौद्ध धर्म के अनेक भिक्षुकों का यहां जमावडा़ लगा रहता है। दलाई लामा के मंदिर में बड़े-बड़े प्रार्थना चक्र लगे हुए हैं। कहा जाता है कि इन्हें घुमाने पर उन पर लिखे मंत्रों का पुण्य मिलता है। बौद्ध धर्म से संबंधित सैकड़ों पांडुलिपियां भी यहां देखी जा सकती हैं। दलाई लामा मंदिर से ही नामग्याल मठ जुड़ा हुआ है।भगसूनांग मंदिर- यह एक छोटा-सा पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर में पहाड़ों से बहकर पानी आता है। पर्यटक मंदिर के इस शीतल पानी में नहाकर आनंद का अनुभव करते हैं।

सेन्ट जॉन चर्च- इस चर्च का निर्माण 1863 में हुआ था। यह घने पेड़ों से घिरा हुआ खूबसूरत और प्राचीन चर्च है। इस स्थान पर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। शहर में आने वाले पर्यटकों के बीच यह चर्च आकर्षण का केन्द्र रहता है। कुछ ही दूरी पर सेन्ट जॉन चर्च से नड्डी की ओर बढ़ने पर रास्ते में डल झील है। चारों ओर से देवदार के वृक्षों से घिरा यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है।

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम - यह क्रिकेट स्टेडियम हिमालय की गोद में स्थित है। यह स्टेडियम दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित होने के कारण धर्मशाला के प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। यहां पर कई अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन किया जाता है। यह स्थान क्रिकेट की चाह रखने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। यह स्टेडियम समुद्र तल से लगभग 1, 457 मीटर की ऊचाई पर स्थित है। इसके आस-पास कई अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरम दृश्यों से भरा हुआ है।

कैसे जाएं-

धर्मशाला पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे उपयुक्त है लेकिन यहां वायुमार्ग और रेलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।

वायुमार्ग- धर्मशाला सीधे तरीके से हवाई मार्ग के जरिए किसी भी शहर से नहीं जुड़ा है। इसका सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गग्गल है जो धर्मशाला से केवल 13 किलोमीटर दूर है, लेकिन इस एयरपोर्ट के लिए भी सिर्फ दिल्ली से सीधी उड़ान है। दिल्ली से धर्मशाला पहुंचाने में फ्लाइट 1.30-1.45 घंटे का समय लेती है। देश के अन्य शहरों से धर्मशाला आना चाहते हैं तो आप चंडीगढ़ तक की फ्लाइट पकड़ सकते हैं। यहां से आगे का सफर आप सड़क के रास्ते कर सकते हैं।

रेलमार्ग- धर्मशाला में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। यहां से सबसे नजदीकी बड़ा रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जिसकी धर्मशाला से दूरी 85 किलोमीटर है। यहां से आगे का सफर आप बस या टैक्सी से कर सकते हैं। धर्मशाला के नजदीक एक छोटा रेलवे स्टेशन कांगड़ा भी है लेकिन यहां अधिकतर बड़ी ट्रेन नहीं रुकती हैं। कांगड़ा से धर्मशाला की दूरी केवल 22 किलोमीटर है। इसके अलावा आप चंडीगढ़ तक की ट्रेन भी पकड़ सकते हैं।

सड़क मार्ग- हिमाचल रोड़ परिवहन निगम की बसें चंडीगढ़, दिल्ली, होशियारपुर, मंड़ी आदि शहरों से धर्मशाला के लिए चलती है। धर्मशाला दिल्ली से लगभग 525 किमी और चंडीगढ़ से करीब 250 किलोमीटर दूर है। उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से यहां के लिए सीधी बस सेवा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट और कनॉट प्लेस से धर्मशाला के लिए बस खुलती है।

धर्मशाला घूमने का सही समय

अगर आप धर्मशाला की यात्रा की योजना बना रहे है तो यहां आप पूरे साल जा सकते है हालाकिं घूमने का सबसे अच्छा समय वसंत का मौसम यानि फरवरी से मार्च का महीना है। इस समय में धर्मशाला में सुखद तापमान रहता है और बिना परेशानी के यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते है।

कहां ठहरें-

धर्मशाला, नड्डी और मैकलॉडगंज में ऐसे कई होटल, लॉज और गेस्ट हाउस हैं जहां आप अपने बजट के अनुसार ठहर सकते है। यहां खाने-पीने के कई छोट-बड़े होटल और रेस्टोरेन्ट भी हैं। यहां मुख्यत: चाइनीज भोजन मिलता है।

खरीददारी- यहां तिब्बती बाजार से हाथ की बनी वस्तुओं के अलावा कांगड़ा चित्रकारी से सजे सामानों की खरीददारी की जा सकती है। बौद्ध धर्म में प्रयोग किए जाने वाले प्रार्थना चक्र , तिब्बती तरीकों से बनी अचार, चटनियों और कांगड़ा चाय की खरीददारी भी की जा सकती है।

Have something to say? Post your comment

पर्यटन में और

पर्यटन की दृष्टि से देश भर में न०1 है "हिमाचल प्रदेश" - इस क्षेत्र में हिमाचल को मिले 3 पुरस्कार, पढ़ें पूरी खबर..

पर्यटन को बढ़ावा देने में परस्पर सहयोग करेंगे हिमाचल व गोवा, विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार किए जाएंगे विशेष पैकेज, पढ़ें पूरी खबर..

राजधानी में पर्यटकों को आकर्षित करने के सरकारी दावे हवा-हवाई, पर्यटकों को नहीं मिल रही सुविधाएं, शिमला में पर्यटकों के ठहरने का औसत घटा, अब सिर्फ इतने दिन ही रुकते हैं पर्यटक ! पढ़ें पूरी खबर..

हिमाचल : शहर के जीवन की शोर-शराबे से दूर, जिला काँगड़ा की ये झील हैं सुकून का खज़ाना !

खुद में ऐतिहासिक विरासत समेटे हुए है “टाउन हाल ” देखिये “टाउन हाल” के नये स्वरूप की ताजातरीन तस्वीरें –