शिमला में पर्यटकों का आ कर रुकना कम हो गया है, ऐसा कहना है टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहिन्द्र सेठ का है। शिमला में प्रयटकों का ठहराव चार-पांच दिनों से घटकर वर्तमान में एक दिन रह गया है। राजधानी शिमला और उसके आस पास ट्रैफिक जाम, पार्किंग संकट और अपंजीकृत आवासों की बढ़ोत्तरी के चलते पर्यटकों का रुझान पहाड़ों की रानी के लिए खत्म हो रहा है। पढ़े विस्तार से..
शिमला: शिमला मे पर्यटकों की स्टे मात्र एक दिन तक सीमित रह गया है। पर्यटकों की स्टे की अवधी तथा पर्यटकों के शिमला मे आगमन में कमी आना बड़ी चिंता का विषय है। शिमला तथा इसके आसपास के पर्यटक स्थलों को आकर्षक बनाने, रोड साइड सुविधाओं का प्रावधान करने तथा है डेस्टिनेशन की पब्लिसिटी के लिए विशेष बजट का प्रावधान करने की आवश्कता है।
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टैक होल्डर एसोसियेशन ने आने वाले बजट के लिए पर्यटन की दृष्टि से स्पेशल प्रावधान किया जा सके इसके लिए सरकार को सुझाव दिए ये सुझाव..
1. शिमला तथा आसपास घूमने योग्य पर्यटन स्थल बहुत पुराने हो चुके है। इन पर्यटक स्थलों में आकर्षक बनाने की आवश्यकता है तथा इन पर्यटन स्थलों मे और टूरिस्ट अट्रैक्शन को समिलित करने की आवश्यकता है ताकि पर्यटकों की स्टे को दो तीन दिन तक बढ़ाया जा सके।
2. हर होटल क्लस्टर मैं केवल पर्यटकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था करने की आवश्यकता है। क्यूंकि मौजूदा पैड पार्किंग मे पर्यटकों को 40 से 50% पार्किंग स्पेस ही मिल पाता है।
3. शिमला जिला की हाईवे पर तथा शिमला के पर्यटक स्थलों पर रोड साइड सुविधाओं का अभाव है। इन स्थानों पर मोस्ट मॉडर्न वाश रूम्स की सुविधा देने की आवश्कता है। इसी तरह हाईवेज तथा शिमला के आसपास घूमने योग्य स्थलों पर ई व्हीकल्स के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने की आवश्यकता है।
4. शिमला जिला की हाईवेज तथा पर्यटक स्थलों पर क्लीन फूड स्ट्रीट हब्स बनाने की आवश्कता है तथा पर्यटक स्थलों पर माजूद फूड आउटलेट्स को इम्प्रूव करने की आवश्कता है।
5. शिमला तथा इसके आसपास घूमने योग्य स्थान तथा टूरिस्ट एक्टिविटीज की स्पेशल पब्लिसिटी करने की आवश्कता है। इसी तर्ज पर हिमाचल के सभी डेस्टिनेशन मे तथा उनके आसपास घूमने योग्य स्थानों की पब्लिसिटी होनी चाहिए ताकि पर्यटकों की हर टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर स्टे को बढ़ाया जा सके।
इन सभी उपर लिखित पॉइंट्स के लिए सरकार को बजट में प्रावधान करना चाहिए ताकि जहा इसका फायदा पर्यटन वायसायियो को मिले वही सरकार के खजाने में भी बढ़ोत्री हो सके।