हिमाचल प्रदेश लगातार भीषण बारिश और आपदा से जूझ रहा है। भूस्खलन, सड़कों का टूटना, पेड़ों का गिरना, बिजली-पानी की सप्लाई ठप होना और सार्वजनिक ढांचे को नुकसान अब आम बात हो चुकी है। ऐसे हालात में छात्रों और शिक्षकों की जान जोखिम में डालना गैरजिम्मेदारी होती। इसलिए प्रदेश सरकार ने बड़ा और जनहित में लिया गया फैसला सुनाया है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि 7 सितम्बर 2025 तक सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और DIET संस्थान बंद रहेंगे। इस दौरान न तो छात्रों को और न ही शिक्षकों व प्रशासनिक स्टाफ को संस्थान आने की जरूरत होगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस कठिन समय में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस हर हाल में जारी रहें।

सांकेतिक फ़ोटो
यह कदम ऐसे समय में लिया गया है जब प्रदेश के कई हिस्सों में भूस्खलन से जान-माल का खतरा बढ़ा हुआ है। लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है और ऐसे में स्कूल-कॉलेज खोलना छात्रों और अभिभावकों को सीधे खतरे में धकेलने जैसा होता। सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

सुरक्षा और जिम्मेदारी:
सरकार ने सभी संस्थान प्रमुखों को आदेश दिया है कि वे न केवल संस्थान की इमारतों बल्कि वहां मौजूद अभिलेखों और अन्य संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि नुकसान का खतरा है तो इनको सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की जिम्मेदारी भी स्कूल-कॉलेज प्रशासन की होगी।
जनहित में लिया गया निर्णय:
यह आदेश सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं बल्कि प्रदेश के लाखों छात्रों और शिक्षकों की जिंदगी से जुड़ा एहतियाती कदम है। हालात सामान्य होने तक पढ़ाई का सिलसिला ऑनलाइन माध्यम से जारी रहेगा ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित रहे।
हिमाचल की जनता आज आपदा और संकट की घड़ी से गुजर रही है। सरकार का यह फैसला बताता है कि जब बात सुरक्षा की हो तो शिक्षा व्यवस्था को भी समय के हिसाब से लचीला बनाना जरूरी है। अब पूरे प्रदेश को इंतजार है कि हालात जल्द सुधरें और बच्चे सुरक्षित माहौल में फिर से स्कूल-कॉलेज लौट सकें।