रामशहर: लगातार खराब मौसम और बंद पड़ी सड़कों ने इलाके की स्थिति बिगाड़ दी है। जहां एक ओर आम लोग मुश्किलों से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कानून-व्यवस्था भी चरमराती दिख रही है। पुलिस घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर..
सोलन/रामशहर: (HD News); हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के रामशहर थाना क्षेत्र के जोबी गांव में पारिवारिक विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया। 30 अगस्त 2025 को उन्ही के परिजनों ने पीड़ित दंपत्ति सुरेश कुमार और उनकी पत्नी श्यामू देवी पर जानलेवा हमला किया। FIR और मेडिकल रिपोर्ट होने के बावजूद अब तक पुलिस ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई। पुलिस का कहना है कि भारी बारिश और बंद सड़कें उन्हें मौके तक नहीं जाने दे रही हैं।
विवाद की जड़ – 2015 से झगड़े का सिलसिला
सुरेश कुमार और श्यामू देवी का कहना है कि यह विवाद 2015 में जमीन और मकान के बंटवारे से शुरू हुआ था। पंचायत और पुलिस की मौजूदगी में बंटवारा हुआ, लेकिन झगड़े, गाली-गलौज और हमले लगातार जारी रहे।
21 फरवरी 2025 को श्यामू देवी को घर से उठाकर ले जाया गया और बेरहमी से पीटा गया। FIR (10/25) दर्ज हुई, लेकिन कार्रवाई अधर में लटकी रही।
गरीब परिवार पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला -
30 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे सुरेश कुमार आंगन में तुलसी का पौधा लगा रहे थे, तभी उसके परिजनों - लीला देवी, कश्मीर सिंह, रमेश कुमार, अमन, सुषमा देवी और सरला देवी - वहां पहुंचे और हमला बोल दिया। सुरेश कुमार ने बताया कि रमेश कुमार ने उनकी धर्म पत्नी श्यामू देवी की कोख पर लात मारी, लीला देवी ने बाल नोचे और अमन ने लाठी से उन पर जानलेवा प्रहार किए।
सोलन में पारिवारिक विवाद खून-खराबे में बदला, दंपत्ति पर जानलेवा हमला – FIR और मेडिकल के बावजूद कार्रवाई अधर लटकी, पुलिस बोली सड़कें बंद!
पीड़ित दंपत्ति का कहना है कि पूरा परिवार उन्हें घसीटकर अपने घर ले जाने की कोशिश कर रहा था। किसी तरह वे सड़क तक जान बचाकर भागे, जहां रामस्वरूप नामक ग्रामीण ने बीच-बचाव कर उनकी जान बचाई।

पंचायत और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों – प्रधान, उपप्रधान और वार्ड मेंबर – ने कभी मदद नहीं की। हर बार बहाना बनाकर टाल दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की यह चुप्पी विवाद को और बढ़ा रही है।
दहशत में परिवार
सुरेश कुमार ने कहा – “अब हमारा पूरा परिवार डर में जी रहा है। बच्चे तक सहमे हुए हैं। पुलिस और पंचायत की चुप्पी हमारी जान के लिए खतरा बन गई है। मजबूरी में अब हमें मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है।”
“भारी बारिश के कारण रामशहर-नालागढ़ रोड, नांद रोड और रामशहर-स्वारघाट रोड बंद हैं। सड़कें खुलते ही पुलिस मौके पर जाकर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएगी। दोनों पक्षों का मेडिकल पहले ही कर लिया गया है।” - SHO विनोद कुमार
यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक झगड़े तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था की पूरी असफलता का आईना भी है। पीड़ित परिवार कई बार अपनी सुरक्षा और न्याय की गुहार पुलिस और पंचायत के सामने लगा चुका है, लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। इसके बावजूद आरोपियों के होंसले बुलंद हैं। 30 अगस्त को उन्होंने फिर उस गरीब परिवार पर जानलेवा हमला किया, जिसकी दर्दनाक CCTV फुटेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। स्थानीय पुलिस मौसम के ठीक होने का इंतजार कर रही है, जबकि बंद सड़कों की वजह से कमजोर और असहाय परिवार पर संकट और बढ़ गया है। सवाल यह उठता है कि क्या न्याय और कानून केवल तब काम आएंगे, जब गरीब और पीड़ित परिवार पर बड़ी अनहोनी घट चुकी हो?