प्रसिद्ध शक्ति पीठ श्री नयना देवी जी में पेयजल संकट दिनों-दिन विकराल रूप लेता जा रहा है। स्थिति यह है कि महीने के मात्र 15-20 दिन ही पानी की सप्लाई हो पाती है, वह भी बमुश्किल 1 घंटे के लिए। विभाग हर बार बहाने गिनाता है, लेकिन जनता अब इन तर्कों से ऊब चुकी है और खुलकर नाराजगी जता रही है। पढ़ें विस्तार से -

जय माता दी । आज के श्रृंगार दर्शन माँ श्री नैना देवी जी।
बिलासपुर: (HD News); प्रसिद्ध शक्ति पीठ श्री नयना देवी जी इन दिनों भयंकर पेयजल संकट से जूझ रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि यहां महीने में महज 15 से 20 दिन ही पानी की सप्लाई हो पाती है, बाकी समय नल पूरी तरह सूखे रहते हैं। लोगों का कहना है कि दो दिन पानी आने के बाद सप्लाई फिर से ठप पड़ जाती है। कभी गांव को पानी देने का बहाना, कभी मेनलाइन फटना, कभी ट्रांसफार्मर की खराबी और कभी उठाऊ पेयजल योजना में बिजली कटौती – यही विभाग का रोज़ाना का रटा-रटाया जवाब है।

लोगों का आरोप – "बिल दोगुना, पानी आधा"
स्थानीय निवासी भारत भूषण, निखिलेश कुमार, गौरव शर्मा, श्रीकांत, प्रमिला शर्मा, नीलम शर्मा, प्रतिभा कुमारी, नीना शर्मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि विभाग की नाकामी ने लोगों की मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं। जहां पहले 6 महीने का ₹1166 बिल वसूला जाता था, अब 4 महीने के लिए ही ₹2308 वसूले जा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि जब पर्याप्त पेयजल ही उपलब्ध नहीं कराया जा रहा तो इतना भारी-भरकम बिल आखिर किस बात का?

एक घंटे की सप्लाई नाकाफी
लोगों ने कहा कि जब कभी भी पानी दिया जाता है तो वह भी 24 घंटे में केवल 1 घंटे के लिए ही मिलता है। यह मात्रा एक परिवार के लिए बेहद कम है। स्थानीय जनता ने मांग की है कि सुबह और शाम कम से कम 2-2 घंटे पानी की सप्लाई दी जाए, ताकि बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।
6.30 करोड़ की स्कीम बनी "मिथ्या"
करीब 10-12 वर्ष पूर्व 6.30 करोड़ की लागत से बनी पेयजल योजना ने भी लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तब विश्वास दिलाया गया था कि अब स्थायी रूप से संकट से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।

विभाग का दावा – "आज रात से सुधरेगी सप्लाई"
इस बाबत जब अधिशासी अभियंता श्याम सिंह पुंडीर से बात की गई तो उन्होंने माना कि राइजिंग मेन में लीकेज के कारण समस्या आई है। उन्होंने दावा किया कि आज रात तक सप्लाई सुचारु कर दी जाएगी और कल से लोगों को पानी उपलब्ध हो जाएगा।
शक्ति पीठ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर अगर बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं होंगी तो स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं दोनों के लिए हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं। जनता की मांग है कि विभाग अब बहानों से आगे बढ़कर स्थायी समाधान निकाले, अन्यथा गुस्सा और आक्रोश और भी विकराल रूप धारण कर सकता है।

शक्ति पीठ जैसे धार्मिक महत्व वाले स्थल पर पेयजल संकट ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग दोनों ही परेशान हैं। करीब 6.30 करोड़ की लागत से बनी स्कीम भी फेल साबित हो चुकी है। ऐसे में लोगों की मांग है कि विभाग अब केवल आश्वासन नहीं बल्कि स्थायी समाधान पेश करे, वरना बढ़ता गुस्सा बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
