सोलन में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक 81 वर्षीय वैद्य पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़िता के अनुसार वह इलाज के लिए वैद्य के पास गई थी, लेकिन उसी दौरान आरोपी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है। यह प्रकरण स्थानीय प्रशासन और लोगों के लिए चेतावनी की तरह है, कि किसी भी तरह का अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पढ़ें विस्तार से..

सोलन (HD News): हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक 81 वर्षीय वैद्य को पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। वैद्य सोलन शहर में पुराना बस अड्डा के समीप अपना दवाखाना चलाते हैं। उन पर 25 वर्षीय युवती ने इलाज के बहाने दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने महिला थाना सोलन में शिकायत दर्ज करवाई है कि वह लंबे समय से बीमार चल रही थी। कई अस्पतालों में उपचार करवाने के बाद भी आराम न मिलने पर वह 7 अक्तूबर को वैद्य के पास आयुर्वेदिक उपचार के लिए गई।

शिकायत के अनुसार, जांच के दौरान आरोपी ने युवती का हाथ पकड़कर नसें दबाने का बहाना किया और व्यक्तिगत सवाल पूछने लगा। इसके बाद उसने आश्वासन दिया कि वह उसका “सौ फीसदी इलाज” कर देगा। आरोप है कि इसी बहाने आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस ने पीड़िता के बयान न्यायालय में दर्ज करवाए हैं और स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैब, जुन्गा से टीम बुलाकर मौके से साक्ष्य भी एकत्र किए हैं। प्राप्त साक्ष्यों और बयान के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि - “महिला थाना में दर्ज शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता के बयान और वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा लिए गए हैं। आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा ताकि आगे की जांच की जा सके।”
बता दें कि कानून, चाहे एट्रोसिटी एक्ट, दहेज (डोरी) एक्ट या महिला उत्पीड़न से संबंधित हो, महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए हैं। हालाँकि कभी-कभी इनका दुरुपयोग देखा जाता है, लेकिन सही और निष्पक्ष जांच के माध्यम से वास्तविक पीड़ितों को न्याय मिल सकता है और अपराधियों को सजा दी जा सकती है। इसलिए हर मामले की तत्काल, वैज्ञानिक और निष्पक्ष जांच अनिवार्य है, ताकि सच सामने आए, अन्याय रोका जा सके और समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
