अर्की उपमंडल का राजकीय उच्च विद्यालय लड़ोग आज (12 दिसंबर 2025) महज एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि संस्कृति, अनुशासन और प्रतिभा का एक भव्य मंच नजर आया। कड़कड़ाती ठंड के बीच उत्साह की गर्माहट लिए यहाँ वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन हुआ, जहाँ विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुतियों से इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी। विद्यालय परिसर में उत्सव जैसा माहौल था और हर चेहरा उपलब्धियों की चमक से दमक रहा था। इस ऐतिहासिक मौके पर स्कूल एडॉप्टर एवं समाजसेवी श्याम लाल चौधरी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जिनके आगमन ने विद्यार्थियों और अभिभावकों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया।
अर्की: (HD News); अर्की उपमंडल की राजकीय उच्च पाठशाला लड़ोग आज (12 दिसंबर 2025) शिक्षा, संस्कृति और संस्कारों के अनूठे संगम का गवाह बनी। विद्यालय प्रांगण में वर्ष 2025-26 के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन बेहद भव्यता और गरिमा के साथ किया गया। विशेष रूप से सजाया गया विद्यालय परिसर किसी उत्सव सा प्रतीत हो रहा था, जहाँ छात्रों के उत्साह और अनुशासन ने हर किसी का मन मोह लिया। इस ऐतिहासिक दिन की शोभा बढ़ाने के लिए स्कूल एडॉप्टर एवं जाने-माने समाजसेवी श्याम लाल चौधरी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनके आगमन ने विद्यालय परिवार में नई ऊर्जा का संचार किया।

गरिमामयी उपस्थिति और उपलब्धियों का लेखा-जोखा
समारोह में पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा था। स्थानीय समाजसेवी सुंदर राम तनवर, एसएमसी प्रधान बंती तनवर, बीडीसी सदस्य रीता ठाकुर और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घडयाच के प्रधानाचार्य अमरदेव शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। मंच संचालन की कमान गणित अध्यापक यशपाल वर्मा ने संभाली, जिन्होंने अपने ओजस्वी शब्दों से समां बांध दिया। वहीं, विद्यालय की मुख्याध्यापिका मनोरमा कुमारी चढ्ढा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए जब स्कूल की शैक्षणिक और खेलकूद उपलब्धियों को मंच से साझा किया, तो अभिभावकों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
मंच पर थिरके नौनिहाल, संस्कृति की छटा
समारोह का सबसे आकर्षक पहलू विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा। पहाड़ी नाटी की थाप हो या देशभक्ति गीतों का जोश, बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकनृत्य, समूहगान और सामाजिक संदेश देती लघु-नाटिकाओं ने यह साबित कर दिया कि इन बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हर प्रस्तुति के बाद बजने वाली तालियों की गड़गड़ाहट ने बच्चों के आत्मविश्वास को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया।
'प्रतिभा और परिश्रम' का मंत्र
मुख्य अतिथि श्याम लाल चौधरी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में विद्यालय प्रबंधन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने छात्रों को जीवन में अनुशासन और कड़ी मेहनत का मूलमंत्र देते हुए कहा, "ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों में छिपी प्रतिभा को केवल तराशने की देर है, और लड़ोग विद्यालय यह कार्य बखूबी कर रहा है।" उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने का आह्वान किया, जिससे बच्चों में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ।

सम्मान और समापन
समारोह का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ, जहाँ साल भर अपनी मेहनत से स्कूल का नाम रोशन करने वाले मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। इनाम पाते ही बच्चों के चेहरे खिल उठे। अनुशासन, बेहतर प्रबंधन और सामूहिक प्रयासों से सजा यह समारोह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि विद्यालय की बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया। दिन भर चले इस जश्न ने सभी के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी है।
पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ यह समारोह अपने पीछे प्रेरणा और उत्साह की अमिट छाप छोड़ गया। यह आयोजन केवल एक रस्म अदायगी नहीं था, बल्कि यह प्रमाण था कि लड़ोग विद्यालय का प्रबंधन और शिक्षक वर्ग, मुख्याध्यापिका मनोरमा कुमारी चढ्ढा के नेतृत्व में किस तरह ग्रामीण प्रतिभाओं को तराश रहा है। मुख्य अतिथि के प्रेरक शब्द और हाथों में थमे पुरस्कार अब साल भर इन बच्चों के लिए 'ऊर्जा का स्रोत' बनकर काम करेंगे। निश्चित तौर पर, आज का दिन इस विद्यालय के इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है।
