हिमाचल प्रदेश के चर्चित विमल नेगी केस में एक नया मोड़ आया है। पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत को लेकर उनकी पत्नी किरण नेगी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को पत्र लिखते हुए सीबीआई जांच में हो रही देरी पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हुए मामले की जांच तुरंत सीबीआई को सौंपी जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और सच्चाई सामने आ सके।
शिमला, 27 मई: पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत की जांच को लेकर उनकी पत्नी किरण नेगी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को एक सशक्त पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के आदेशों का तुरंत अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 23 मई 2025 को दिए गए आदेश का हवाला दिया है, जिसमें FIR संख्या 9/2025 को तुरंत सीबीआई को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था।
किरण नेगी ने पत्र में लिखा है कि सरकार द्वारा इस स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि न्याय प्रक्रिया में गंभीर बाधा भी उत्पन्न करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखना और जनता का विश्वास बहाल रखना अत्यंत आवश्यक है।

पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि मामले में हो रही देरी से ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं सच्चाई को दबाने की कोशिश हो रही है, जिसे अदालत में भी उजागर किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे गृह मंत्री के रूप में इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर सीबीआई जांच शुरू कराएं।
पत्र की प्रतिलिपि भारत सरकार के गृह मंत्रालय और हिमाचल प्रदेश सरकार के गृह सचिव को भी भेजी गई है।
गौरतलब है कि विमल नेगी मामले में किरण नेगी की सीधी अपील न केवल न्याय की मांग है, बल्कि यह सिस्टम पर भरोसे की अंतिम उम्मीद भी है। उच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश और जनता की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार कितनी संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई करती है। यदि समय रहते निष्पक्ष जांच शुरू नहीं हुई, तो यह न सिर्फ कानून की अवमानना होगी, बल्कि जनता के न्याय प्रणाली पर विश्वास को भी गहरा आघात पहुंचेगा।