हिमाचल प्रदेश व देश विदेश के सभी भक्तों के लिए बहुत खुशी की बात है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई को माता श्री नयना देवी जी, माता चिंतपूर्णी जी, माता कांगड़ा जी, माता ज्वाला जी, माता चामुंडा जी और माता बगलामुखी जी और हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों को खोलने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। माता जी के इन सभी शक्तिपीठों में दर्शनों के लिए किसी भी प्रकार के कोरोना रिपोर्ट की आवश्यकता नही होगी, पढ़े पूरी खबर
बिलासपुर : विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी, ज्वाला जी, माता चिंतपूर्णी जी, माता बृजेश्वरी देवी जी, माता ज्वाला जी, माता चामुंडा जी, माता बगलामुखी जी और हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों के कपाट करीब 70 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। वहीं बाबा बालक नाथ और ऋषि मार्कंडेय मंदिर खुलने से दोबारा भक्तों के जयकारे गूंजेंगे। प्रदेश सरकार ने शक्तिपीठों समेत मंदिरों को 1 जुलाई से खोलने का फैसला लिया है। वहीं दुकानें सुबह 9 से रात 8 बजे तक दुकानदार खोल सकते हैं।
कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों के चलते शक्तिपीठ समेत अन्य मंदिर बंद होने से इन स्थलों के बाजारों में भी मंदी छाई हुई थी। लेकिन अब 1 जुलाई से मंदिर खुलने की सूचना से दुकानदारों को कारोबार की उम्मीद जगी है। इन शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की श्रद्धा ऐसी है कि देश विदेश से दर्शनों के लिए लाखों की तादाद में पहुंचते हैं। लेकिन कोविड के बढ़ते मामलों के बाद 23 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने मंदिर बंद करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद मंदिरों में पूजा तो होती रही लेकिन श्रद्धालुओं के जयकारे नहीं गूंजे।
मंगलवार को प्रदेश सरकार के फैसले से न केवल श्रद्धालुओं बल्कि स्थानीय दुकानदारों के चेहरों पर भी रौनक आई है। बता दें कि कोविड को देखते हुए नई एसओपी जारी की जाएगी। सरकार मंदिरों खोलने को लेकर जो भी एसओपी जारी करेगी उसके तहत मंदिरों के प्रशासन को आगे कार्य करेगा।